Breaking












Jan 14, 2023

हत्या के प्रयास व पुलिस मुठभेड़ मामला,विधायक सहित 31 आरोपी अदालत से हुए बरी

एटा- जिले की अलीगंज विधानसभा सीट से बीजेपी के वर्तमान मे एमएलए सत्यपाल सिंह राठौर समेत 31 आरोपियों  को एमपी एमएलए कोर्ट  ने हत्या के प्रयास व पुलिस मुठभेड़ मे निर्दोष पाये जाने पर बाइज्जत बरी कर दिया है। इस मामले मे मुकदमा चलने के दौरान पांच आरोपियों की मौत हो चुकी है। वर्ष 2012 मे हुए विधानसभा चुनावों मे निर्वाचन के दौरान वर्तमान  बीजेपी विधायक सत्यपाल सिंह राठौर सहित 36 लोगों पर तत्कालीन नया गावं के थाना अध्यक्ष रविन्द्र बहादुर सिंह ने आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 353, 332, 504, 506 और 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत  हत्या के प्रयास और पुलिस मुठभेड़ की गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज कराया था। उस चुनाव मे सत्यपाल सिंह राठौर प्रत्याशी थे और इनके प्रतिद्वंदी प्रत्याशी अलीगंज से प्रत्याशी रामेस्वर सिंह यादव थे। उस समय थाना नया गाँव के तत्कालीन थाना अध्यक्ष रविंद्र बहादुर सिंह ने चुनाव के दौरान पुलिस के साथ मुठभेड़ और हत्या के प्रयास का मुकदमा सत्यपाल सिंह राठौर सहित 36 लोगों पर दर्ज करवाया था। दस वर्ष तक चले इस मुक़दमे के दौरान 5 आरोपियों की मौत भी हो चुकी है।  
झूंठे मुक़दमे से बाइज्जत बरी होने पर एटा की अलीगंज विधानसभा के वर्तमान बीजेपी विधायक सत्यपाल सिंह राठौर ने कहा है कि मेरे साथ न्याय हुआ, उन्होंने कहा कि उन पर और उनके समर्थकों पर झूंठा मुकदमा राजनीतिक विद्वेष के चलते लिखाया गया था जबकि उस वक्त उनके समर्थक खेतोँ मे काम कर रहे थे उनको भी आरोपी बना दिया गया था। इस पूरे मामले मे एफआईआर में विधायक सत्यपाल सिंह राठौर का नाम नहीं था फिर भी आरोप है कि मुक़दमे के दौरान राजनीतिक विद्वेष के तहत उनका नाम शामिल करवाकर उसमे चार्ज शीट  लगवा दी गयी थी। 
इस पूरे मामले मे दोषमुक्त घोषित हुए विधायक सत्यपाल सिंह राठोए के अधिवक्ता रहे वरिष्ठ एडवोकेट यदुवीर सिंह चौहान ने बताया कि 2012 मे उत्तर प्रदेश विधान सभा का चुनाव हुआ था जिसमे राजनीतिक रूप से फ़साने के लिये राजपुरा मे तत्कालीन विधायक की  शह पर थाना नया गावं मे तत्कालीन इन्स्पेक्टर रविंद्र बहादुर सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। इस पूरे मामले मे कुल 10 गवाहों ने गवाही दी थी  जिसमे पुलिस के गवाहों को छोड़कर किसी ने भी घटना को सही नहीं बताया था। इस मुक़दमे को राजनीतिक विद्वेष के चलते लिखवाया गया था, इस बात को कुछ पुलिस वालों ने भी माना है।



रिपोर्ट - नंदकुमार/एटा

No comments: