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Dec 26, 2022

सैनानी भवन में सेनानी उत्तराधिकारी संगठन की ओर से महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती पर उनके चित्र पर हुआ माल्यार्पण

 बहराइच के सैनानी भवन मेंसैनानी उत्तराधिकारी संगठन की ओर से महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती उनके चित्र पर माल्यार्पण कर मनाई गई!कार्यक्रम की अध्यक्षता रमेश मिश्रा ने किया!


बहराइच संरक्षक अनिल त्रिपाठी ने कहा कि जन्म- 25 दिसम्बर, 1861 ; मृत्यु- 12 नवम्बर, 1946) महान् स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद ही नहीं, बल्कि एक बड़े समाज सुधारक भी थे। इतिहासकार वीसी साहू के अनुसार हिन्दू राष्ट्रवाद के समर्थक मदन मोहन मालवीय देश से जातिगत बेड़ियों को तोड़ना चाहते थे। उन्होंने दलितों के मन्दिरों में प्रवेश निषेध की बुराई के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन चलाया। 24 दिसम्बर, 2014 को भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पंडित मदनमोहन मालवीय को मरणोपरांत देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा।सैनानी उत्तराधिकारी संगठन के प्रदेश महामंत्री रमेश मिश्रा ने कहा कि मदनमोहन मालवीय की प्राथमिक शिक्षा इलाहाबाद के ही श्री धर्मज्ञानोपदेश पाठशाला में हुई जहाँ सनातन धर्म की शिक्षा दी जाती थी । इसके बाद मालवीयजी ने 1879 में इलाहाबाद ज़िला स्कूल से एंट्रेंस की परीक्षा उत्तीर्ण की और म्योर सेंट्रल कॉलेज से एफ.ए. की। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण मदनमोहन को कभी-कभी फ़ीस के भी लाले पड़ जाते थे। इस आर्थिक विपन्नता के कारण बी.ए. करने के बाद ही मालवीयजी ने एक सरकारी विद्यालय में 40 रुपए मासिक वेतन पर अध्यापकी शुरू कर दी।इस मौके पर पूर्व विधायक राम सागर राव, आदित्य भान सिंह, जय सिंह, विनीत कुमार, मुकेश श्रीवास्तव, राजन यादव, आदी लोग मौजूद रहे!

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