इस सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर करीब 10 लाख रुपए खर्च किए गए। इसे बनवाने के पीछे जिम्मेदारों की क्या मंशा रही यह तो वही जाने, लेकिन बनने के बाद से 2 सीट वाला यह सामुदायिक शौचालय इस्तेमाल में नहीं आ पाया है, लेकिन चर्चा का विषय जरूर बन गया है।
एक ही कक्ष में दो टॉयलेट की सीटें बनवाने का कारनामा ग्राम पंचायत गौरा धुंधा के तत्कालीन ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी ओर जेई का है। टॉयलेट बनाते समय यह भी नहीं सोचा गया कि इसमें दूसरे शख्स की प्राइवेसी का क्या होगा।
सामुदायिक शौचालय तो बनकर तैयार हो गया लेकिन इसका यूज अभी तक नहीं हुआ है। 2 सीट वाले इस सामुदायिक शौचालय पर रंगरोगन कराकर जेई एमआई राजेश गुप्ता, बीडीओ संजय नाथ, ग्राम प्रधान विंदू देवी, सचिव पूनम श्रीवास्तव का नाम भी लिखवाया गया है।
वर्तमान में सामुदायिक शौचालय में कई जगह टायल्स भी टूट चुके है। इस सामुदायिक शौचालय का मामला डीपीआरओ नम्रता शरण के संज्ञान में आया तो वे मौके पर पहुंची, एक कक्ष में 2 सीट लगा देख वे भी अचरज में पड़ गई। डीपीआरओ ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद वे खुद मौके पर इसकी जांच करने गई थी। इस तरह का सामुदायिक शौचालय देख वह हैरान रह गई।
इस मामले में संबंधित सेक्रेटरी को स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी कर दी गई है, अभी जवाब नहीं मिला है। नोटिस का जवाब मिलने और जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
सोशल मीडिया यूजर ले रहे हैं चुटकी
वहीं यह तस्वीर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई है। सोशल मीडिया यूजर दो टॉयलेट की तस्वीर पोस्ट कर मजेदार ट्वीट कर रहे हैं। कोई यूजर सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है तो कोई यूजर प्रधान और जेई की काबलियत पर सवाल कर रहा है। फिलहाल सोशल मीडिया यूजर्स को टॉयलेट की तस्वीर के जरिए एक मजेदार मसाला मिल गया है।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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