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Dec 22, 2022

गोशालाओं में छुट्टा पशुओं को रखने का फरमान बेअसर

बस्ती। जिले में छुट्टा पशु संकट का कारण बने हैं, फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए किसान रात में जागकर खेतों की रखवाली करने को मजबूर हैं। जिम्‍मेदार पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में रखने के प्रति उदासीन बने हैं।     

       गोवंशीय पशुओं को गोशालाओं में रखने का डीएम का फरमान भी बेसअर है। इसे गंभीरता से लेते हुए डीएम ने बनकटी, रूधौली, सदर, दुबौलिया, सॉउघाट, हर्रैया सहित 10 ब्लॉकाें के बीडीओ से स्‍पष्‍टीकरण तलब किया है। गोशालाओं में 25 प्रतिशत से कम गोवंश संरक्षित पाए जाने पर डीएम प्रियंका निरंजन ने नाराजगी व्यक्त की है।

कहा कि छुट्टा पशु घूम रहे हैं, फसल का नुकसान कर रहे हैं तथा आए दिन दुर्घटनाओं के कारण भी बन रहे हैं। बावजूद इसके उन्‍हे गोशालाओं में संरक्षित करने के मामले में लापरवाही बरती जा रही है। 12 हजार लक्ष्य के सापेक्ष 8 हजार पशु गोशाला में संरिक्षत किए गए हैं। सुपुर्दगी में देने का लक्ष्य भी अधूरा है।   

रमनातौफीर, कोयलपुरा, कठौतियासौदी, सिरौता वृहद गोआश्रय स्थल में क्षमता के अनुरूप पशु नहीं रखे गए हैं। कई अस्थायी गोआश्रय स्थलों में 25 से कम पशु संरक्षित किए गए हैं। इस कार्य में रुचि न लेने पर मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को भी कार्यवाही की चेतावनी दी है। निर्देश दिया है कि सभी पशु चिकित्साधिकारियों को नोडल नामित करते हुए गोआश्रय स्थलों का सुव्यवस्थित संचालन सुनिश्चित कराएं।    

7 गोशालाएं हैं सक्रिय

बता दें कि छुट्टा पशुओं से होने वाले नुकसान और दुर्घटनाओं की आशंका को देखते हुए डीएम ने प्रत्‍येक ब्‍लाक में 5 से 7 गौशाला सक्रिय कराया है। 2 नई स्‍थाई गोशालाएं भी शुरू कराई हैं ताकि छु्टा पशुओं से होने वाली समस्‍या से छुटकारा दिलाया जा सके। ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं को पकडने के लिए एनिमल कैचर की खरीद के लिए टेंडर भी किए गए है, पशुओं को पकडकर गोशालाओं में रखने के लिए निर्देशित किया गया है, लेकिन इसके बाद भी पशुओं की समस्‍या से लोगों को छुटकारा नहीं मिल पा रहा है।    


        रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट

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