दनिश ने बताया कि पहले चरण में हम सभी 18 संभागों में रोजगार शिविर आयोजित करने जा रहे हैं। पुराने लखनऊ में एक रोजगार शिविर होगा जिसमें बड़ी अल्पसंख्यक आबादी है। इसी तरह कानपुर में एक ऐसा क्षेत्र है जहां सिख और मुसलमान बड़ी संख्या में रहते हैं। इसके बाद जिला स्तरीय शिविर आयोजित करेंगे, जहां राज्य सरकार के अधिकारी भी शीर्ष कंपनियों के अधिकारियों के साथ मौजूद रहेंगे। हालांकि दनिश ने कहा कि रोजगार अभियान सभी अल्पसंख्यकों (ईसाई, सिख, पारसी, बौद्ध और जैन) को शामिल किया जाएगा।
दनिश ने बताया कि शीर्ष कंपनियां स्टॉल स्थापित करेंगी जहां से शिक्षित युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। वहीं ऑटोमोबाइल कंपनियां भी होंगी। उन्होंने कहा कि मदरसों के युवाओं को उनके लिए सरकार द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न कौशल योजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा।
दनिश ने कहा कि यूपी के 75 में से कम से कम 20 जिलों में मुस्लिम पर्याप्त संख्या में मौजूद हैं। रामपुर जैसे कुछ जिलों में, वे कुल आबादी के आधे से अधिक हैं। मुरादाबाद और बिजनौर में समुदाय सबसे अधिक संख्या में है। फिर भी बड़ी उपस्थिति के बावजूद भी लोकसभा उपचुनावों में रामपुर और आजमगढ़ में भाजपा की जीत ने पार्टी को मजबूत किया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने स्वीकार किया है।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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