डीएम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिला पर्यावरण समिति की बैठक
बहराइच । वित्तीय वर्ष 2025-26 अन्तर्गत वर्षा ऋतु में वृक्षारोपण आन्दोलन-2025 को सफल बनाये जाने के उद्देश्य से विगत दिवस देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला वृक्षारोपण समिति एवं जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक के दौरान जिलाधिकारी मोनिका रानी ने लक्षित विभागों को निर्देश दिया कि आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष पौधरोपण कराएं जाने हेतु गडढों की खुदाई, पौधों की उपलब्धता, उठान तथा सबसे महत्वपूर्ण बिन्दु रोपित गये पौधों की सुरक्षा को सुनिश्चित कराने के व्यापक प्रबन्ध किये जाएं। डीएम ने अधिकारियों को सुझाव दिया कि नर्सरी का भ्रमण कर पौधों का चयन कर वन विभाग को लिखित रूप से सूचित कर दें कि उन्हें किस प्रजाति के कितने पौधों की आवश्यकता है। डीएम ने निर्देश दिया कि वृक्षारोपण अभियान के दौरान प्रत्येक घर के आंगन में सहजन का पौध अवश्य रोपित किया जाय। डीएम ने कहा कि सहजन, एक चमत्कारी पौधा है जिसके विभिन्न अंग कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। सहजन के फूल, पत्तियाँ, फल और छाल सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र धात्री व गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण के लिए यह पौध अत्यन्त महत्वपूर्ण है।डीएम ने कहा कि मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व एवं प्रयास से उत्तर प्रदेश में वन महोत्सव अब जन आन्दोलन का स्वरूप ले चुका हैं। इसलिए सभी अधिकारी, आमजन व विभाग अन्तर्गत संचालित योजनाओं के लाभार्थियों को भी पौधरोपण के लिए प्रेरित कर पौधरोपण अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें। डीएम ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि पौधरोपण का जिओ टैग फोटोग्राफ भी उपलब्ध कराया जाय तथा सभी विभाग पौधरोपण का विवरण प्रभागीय वनाधिकारी को अवश्य उपलब्ध करायें। डीएम ने यह भी कहा कि यदि विभागीय परिसम्पत्तियों में पर्याप्त स्थान उपलब्ध है और वह स्थान पौधरोपण के लिए उपयुक्त है तो लक्ष्य से अधिक पौधे भी रोपित कराने का प्रयास करें। डीएम ने जिला विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि अभियान की ग्रामवार मॉनीटरिंग के लिए अधिकारी नामित कर दें। गंगा व सहायक नदियों में पर्यावरणीय प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण एवं उपशमन और जल के सतत पर्याप्त प्रवाह सुनिश्चित करने के उपाय करने के उद्देश्य से गठित जिला स्तरीय गंगा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम ने कहा कि गंगा नदी के भौगोलिक, ऐतिहासिक, सामाजिक-सांस्कृतिक एवं आर्थिक कारणों के अद्वितीय महत्व को देखते हुए इसे राष्ट्रीय नदी का दर्जा प्राप्त है। गंगा व सहायक नदियों का पुनद्धार करके इसे प्राकृतिक एवं मूल स्थिति में लाये जाने के लिए जिला गंगा समिति का गठन किया गया है। डीएम मोनिका रानी ने सिचाई विभाग को निर्देश दिया कि सिचाई विभाग के सम्बन्धित सचिव, लेखपाल एवं ब्लाक के अवर अभियन्ता की टीम निरन्तर सर्वे कर सरयू व टेढ़ी नदियों के पुनरोद्धार के लिए कार्य योजना तैयार करें तथा ग्राम पंचायतवार समितियों का गठन कराना सुनिश्चित करें। डीएम ने एसडीएम को निर्देश दिए कि वे अपने भ्रमण के दौरान बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण पर सतत निगरानी रखे और यदि कही भी बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से न पायेबजाने पर उसकी जियो टैग्ड फोटो डीएफओ को भेजे।इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय कुमार, डीएफओ बहराइच अजीत प्रताप सिंह, कतर्नियाघाट बी. शिवशंकर, जिला विकास अधिकारी राज कुमार, सम्बन्धित एसडीएम, बीडीओ, डीपीएम सरजू खां सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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