विकसित कृषि संकल्प अभियान का आयोजन दुर्गूपुर ग्राम पंचायत में सम्पन्न
कृषकों को दी गई उन्नत तकनीकों की जानकारी
बहराइच (हुजूरपुर)। ग्राम पंचायत दुर्गूपुर, विकासखंड हुजूरपुर में शनिवार को "विकसित कृषि संकल्प अभियान" का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषकों को आधुनिक कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं तथा भूमि एवं जल संरक्षण के उपायों की जानकारी दी गई।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संयुक्त कृषि निदेशक श्री अनिल कुमार सागर ने कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्नत तकनीकों और वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाकर ही किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं।उप कृषि निदेशक श्री विनय कुमार वर्मा ने किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेने के लिए सभी कृषकों को आगे आना चाहिए। उपनिदेशक कृषि ने उपस्थित किसान भाइयों से कहा कि जनपद के 153 ग्राम पंचायत में विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत किसी वैज्ञानिकों के साथ गोष्ठियों का आयोजन कराया जा रहा है जिससे अधिक से अधिक किसान खरीफ फसलों की बुवाई से पूर्व कृषि तकनीकी की जानकारी प्राप्त कर समय से फसल बुवाई ,बीज का चुनाव आदि कर फसलों की बुवाई कर सकते हैं। डीडी एग्री ने उपस्थित किसानों को विष मुक्त खेती अपनाने की सलाह दी। उन्होंने किसानों से कहा कि रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग बिल्कुल कम कर दें इसके स्थान पर प्राकृतिक खेती अपनाएं जिससे विष मुक्त उत्पादन मिलेगा जो मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी रहेगा l उन्होंने कहा कि अपने भूमि की मिट्टी की जांच कराले।इस अवसर पर भूमि संरक्षण अधिकारी श्री सौरभ वर्मा वर्मा ने बताया कि जनपद में 53 खेत तालाब का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। शीघ्र ही इसकी बुकिंग प्रारंभ होने वाली है अधिक से अधिक किसान खेत तालाब योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु बुकिंग कर सकते हैं।उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी कैसरगंज श्री शिशिर कुमार वर्मा मैं किसानों को कृषक उत्पादक संगठन बनाकर आय वृद्धि के तरीके बताएं।, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच डॉ. संदीप कुमार, वैज्ञानिक डॉ. अरुण कुमार राजभर, तथा वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप बी श्री रवि शुक्ला (हुजूरपुर) ने भी अपने-अपने विषयों पर उपयोगी जानकारी दी।कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान श्री राम जस, श्री मुन्ना लाल वर्मा, श्री हंसराम यादव, श्री दिनेश कुमार मौर्य सहित बड़ी संख्या में कृषकगण एवं कृषि विभाग के कर्मचारीगण उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने किसानों को प्रेरित किया कि वे पारंपरिक कृषि के साथ-साथ प्राकृतिक एवं समेकित कृषि अपनाएं, जिससे लागत घटे और मुनाफा बढ़े।इस अवसर पर किसानों ने भी अपने अनुभव साझा किए और विभागीय अधिकारियों से सीधे संवाद कर अपनी समस्याओं के समाधान प्राप्त किए।
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