पहली बार सफलतापूर्वक हुआ आर्थोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी
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बहराइच, — बहराइच मेडिकल कॉलेज ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए चिकित्सा इतिहास में नया अध्याय जोड़ा है। कॉलेज में पहली बार आर्थोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन(दूरबीन विधि द्वारा घुटने के धागे का नवनिर्माण )सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। इस बारे में जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी डॉ. अरविंद शुक्ला ने बताया कि यह ऑपरेशन 16 वर्षीय मूलचंद (पुत्र राकेश), निवासी नानपारा, के दाहिने पैर की लिगामेंट (ACL) चोट के कारण किया गया।
इस जटिल सर्जरी को अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. जयदीप पटेल एवं उनकी अनुभवी सर्जन टीम द्वारा संपन्न किया गया। वहीं एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. आशीष अग्रवाल ने किया। यह संपूर्ण प्रक्रिया बहराइच मेडिकल कॉलेज के माननीय प्राचार्य डॉ. संजय खत्री एवं वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. मिथिलेश कुमार के मार्गदर्शन में संपन्न हुई।प्राचार्य डॉ. संजय खत्री ने इस अवसर पर कहा, “यह हमारे संस्थान के लिए अत्यंत गौरव का विषय है कि पहली बार बहराइच मेडिकल कॉलेज में आर्थोस्कोपिक तकनीक से एसीएल सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। यह हमारे डॉक्टरों की विशेषज्ञता, समर्पण और टीम वर्क का प्रतिफल है। हम लगातार अपने मरीजों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित हैं।”इस उपलब्धि से अब क्षेत्रीय मरीजों को जटिल ऑपरेशनों के लिए बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। यह बहराइच मेडिकल कॉलेज की तकनीकी प्रगति और चिकित्सीय क्षमता का स्पष्ट प्रमाण है।बहराइच मेडिकल कॉलेज स्वास्थ्य सेवाओं में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और भविष्य में भी ऐसे प्रयासों से चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तत्पर है।
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