समीक्षा में पाया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चिह्नित 750 बच्चे अभी भी इलाज से वंचित है। उनका समय से इलाज कराने का निर्देश दिया। आरबीएसके टीम के खराब परफारमेंस पर नाराजगी व्यक्त की। एफआरयू भानपुर में पिछले दो माह में केवल एक ऑपरेशन हुआ है और यहां पर शैडोलेस लैंप भी नहीं है। सभी सीएचसी पर ब्लड स्टोरेज यूनिट एक्टिव नहीं है।
समीक्षा में पाया कि आंगनबाड़ी में पंजीकृत 2 लाख 27 हजार में से मात्र 1 लाख 70 हजार बच्चों का आरबीएसके टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। आरबीएसके टीम का रोस्टर जारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि स्कूल में जाने पर वहां पर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। आशाओं का मानदेय समय से भुगतान न किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए भुगतान करने का निर्देश दिया।
सुधार की धीमी गति पर जताई नाराजगी
अतिकुपोषित एवं कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की। समीक्षा में पाया कि कुल चिह्नित 15000 सैम और मैम बच्चों में से मात्र 1000 के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि सीडीपीओ, सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी कार्यकत्री के माध्यम से सभी बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए कार्य कराएं। इसके साथ ही इन बच्चों का विवरण कुपोषण ट्रैकर ऐप पर अपलोड कराएं। बैठक में सीडीओ डॉ. राजेश कुमार प्रजापति, डीएफओ नवीन कुमार शाक्य, पीडी कमलेश सोनी, डीडीओ अजीत श्रीवास्तव, एडी रेशम नितेश कुमार, डीसी मनरेगा संजय शर्मा, एनआरएलएम रामदुलार, अधिशासी अभियंता सिंचाई आरके गौतम, जल निगम के एके उपाध्याय सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडेय की रिपोर्ट
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