मुख्य अतिथि हरीलाल मिलन ने कहा कि साहित्यकार को सम्मान नवीन ऊर्जा देता है। इससे उसे समाज के प्रति और बेहतर करने का उल्लास बढ़ता है। साहित्यकार अपने समय के सत्य का सटीक पारखी है। वह भविष्य दृष्टा भी है। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान से उनकी कृतियों और साहित्य साधना पर ढाई लाख रूपए के पुरस्कार साहित्य भूषण से सम्मानित किया जा चुका है।
इन्होंने दी अपनी प्रस्तुति
अर्चना श्रीवास्तव के मां सरस्वती की वंदना से कवि सम्मेलन का आरम्भ हुआ। डा. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी, विनोद उपाध्याय, डा. ओम प्रकाश वर्मा, डॉ. राम कृष्ण लाल जगमग, डा. सुरेश ‘उजाला’, डा. वीके. वर्मा, सुशील सिंह पथिक, डा. राजेन्द्र सिंह, सागर ‘गोरखपुरी’ शाद अहमद ‘शाद’ पं. चन्द्रबली मिश्र, डा. अजीत राज, काजी अनवार पारसा, डा. अफजल हुसेन, डा. पारस वैद्य, हरिकेश प्रजापति, अनुंरोध कुमार श्रीवास्तव, बीके मिश्र, रहमान अली रहमान, शबीहा खातून, प्रेमनाथ मिश्र, डा. शैल, तव्वाब अली आदि ने रचनाएं प्रस्तुत किया।
इस दौरान ये लोग रहे मौजूद
डॉ. सत्यब्रत, रामदत्त जोशी, त्रिपुरारी मिश्र, पेशकार मिश्र, अरविन्द पाण्डेय, आशा पाण्डेय, राकेश मिश्र, बी.एन. तिवारी, विश्वनाथ वर्मा, अजय कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य उपस्थित रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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