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Jan 24, 2023

श्रीराम चरित मानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर बोले पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह


 करनैलगंज/गोण्डा - श्रीराम चरित मानस पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा दिए गए विवादित बयान पर सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि यह उनका निजी विचार हो सकता है। समाजवादी पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है। राजनीति में आगे बढने के लिए संघर्ष करना चाहिए। किसी धर्म अथवा किसी पवित्र ग्रंथ को बिना समझे कोई टिप्पणी करना अविवेकपूर्ण हैं। देश में सभी धर्मों का सम्मान और सभी महान लोगों के प्रति श्रद्धा ही हमारा संस्कार है। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस के रचयिता महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने पूरे विश्व को प्रभु श्रीराम के चरित्र से परिचित कराया। भगवान श्रीराम के कृतित्व पर सवाल उठाना अनौचित्य पूर्ण है। जिस दोहे को आधार बनाकर राजनीतिक लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं वह उसके अर्थ को नहीं समझ रहे है। रामचरित मानस अवधी भाषा में हैं। अवध की बोली में "ताड़न" शब्द का अर्थ देखना होता है। समाजिक विकास का संदेश इस चौपाई में निहित है। इसका उपयोग राजनीति चमकाने के लिए नहीं उसे समझने के लिए करना चाहिए । श्री रामचरित मानस को पूरी तरह समझकर ही कोई वक्तव्य दिया जाए वही उचित होगा। गोस्वामी जी ने भगवान श्रीराम के चरित्र में शबरी के जूठे बेर और निषाद राज के संबंधों का भी उल्लेख किया हैं इसे भी पढ़ा जाना चाहिए। भगवान श्रीराम के चरित्र का समग्र ज्ञान न रखने वालों को उन पर टिप्पणी नहीं करना चाहिए श्री राम चरित मानस का अध्ययन सम्पूर्णता में करना उचित होगा। प्रभु श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम थे उन पर टिप्पणी से सम्पूर्ण विश्व के कई करोड़ों लोगों की आस्था आहत होती है। समाज में जो जिम्मेदार लोग हैं उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वह लोगों की भावनाओं एवं धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करेंगे

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