डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि ग्राम पंचायतों में बिना कार्य कराए सरकारी धन का गबन करने की शिकायत की गई थी। जांच में सरकारी धन के करीब 70 लाख रुपए से अधिक के गबन का मामला सामने आया। इसके बाद दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने की कार्रवाई की गई।
ग्राम पंचायत गोभिया में 18. 54 लाख का गबन
विकास खण्ड हरैया के ग्राम पंचायत गोभिया में 18. 54 लाख गबन के मामले में पूर्व ग्राम प्रधान बृजलाल, सचिव कुसुमलता सिंह, तत्कालीन तकनीकी सहायक, सल्टौआ गोपालपुर के ग्राम पंचायत पोखरभिटवा में 10 लाख से अधिक के गबन के मामले में पूर्व प्रधान विजय लक्ष्मी, सचिव राजन चौधरी, तत्कालीन सचिव निशात अफरोज, रमाकांत वर्मा, तकनीकी सहायक मनरेगा अशोक कुमार चौधरी के खिलाफएफआईआर दर्ज कराई गई है।
चननी सियारोबास में 7 लाख से अधिक का गबन
वहीं, बस्ती सदर के ग्राम पंचायत चननी सियारोबास में 7 लाख से अधिक के गबन मामले में पूर्व प्रधान गीता चक्रवर्ती, पूर्व प्रधान पूजा, सचिव अमरनाथ गौतम, तत्कालीन सचिव सेराज अहमद, अरिमर्दन प्रताप मणि, तत्कालीन जेई आरईडी रामाचरण शुक्ल, जेई बीपी मिश्रा, बहादुरपुर के ग्राम पंचायत जलालपुर में 7 लाख से अधिक के गबन के मामले में पूर्व प्रधान गीता, सचिव पिंकी देवी, जेई ब्रहम प्रकाश मिश्र, रूधौली विकास खण्ड के ग्राम पंचायत बारीजोत में 27 लाख से अधिक के गबन के मामले में पूर्व प्रधान जमिरता देवी, सचिव सीमा भारद्वाज, अवधेश कुमार व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
कमिश्नर ने दिए थे कार्रवाई के आदेश
बता दें कि मंडलीय विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्र ने मंडल के तीनों जिलों के अधिकारियों को वित्तीय अनियमितताओं के मामलों में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए थे। चेतावनी दिया था कि यदि दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर नहीं दर्ज कराई गई तो सम्बन्धित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। कमिश्नर के सख्त तेवर को देखते हुए डीपीआरओ नमिता शरण ने सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
No comments:
Post a Comment