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Jan 17, 2023

गोरखपुर के मनीष हत्याकांड में परदे के पीछे होगी गवाही, गवाहों को सरकारी सुरक्षा का निर्देश,

 कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले के सभी गवाहों को सुरक्षा मिलेगी। इस संबंध में सीबीआई की अदालत ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को आदेश जारी किया है। इस मामले के आरोपी 5 पुलिस वालों के जमानत पर रिहा होने के बाद मृतक मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने सीबीआई से सुरक्षा की मांग की थी।

मीनाक्षी गुप्ता की मांग पर सीबीआई ने अदालत को बताया, इस मामले के मुख्य गवाह मीनाक्षी गुप्ता, मृतक मनीष का दोस्त हरबीर सिंह और होटल मैनेजर आदर्श तिवारी काफी कमजोर गवाह हैं। जबकि मुख्य आरोपी एवं सह आरोपी पुलिस वाले हैं और जमानत पर जेल से बाहर हैं। ऐसे में गवाहों की जान को खतरा है। सीबीआई को यह भी आशंका है कि आरोपी पुलिस वाले गवाहों को डराकर गवाह प्रभावित करा सकते हैं।
सीबीआई ने कोर्ट में यह भी अपील की थी कि अब इस मामले की 6-7 फरवरी को गवाही होनी है। ऐसे में कई बार आरोपी कोर्ट परिसर में ही गवाहों को घूरकर या आंखों से  चुप रहने का इशारा करके डरा देते हैं। जिससे केस के गवाही प्रभावित होने की शंका बनी रहती है। वहीं, सीबीआई ने अपनी अपील के साथ कोर्ट में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक द्वारा जारी गवाहों की सुरक्षा के आदेश की प्रति भी पेश की।
इस पर CBI की इस अर्जी को स्वीकार करते हुए CBI कोर्ट के स्पेशल जज विजय कुमार झा ने गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश जारी किया है कि, अब इस मामले की गवाही आरोपी पुलिस वालों के सामने नहीं होगी। बल्कि जिस वक्त कोर्ट में गवाही होगी, उस वक्त आरोपी दर्पण यानी कि पर्दे के पीछे होंगे। ताकि, आरोपियों का गवाहों से आमना-सामना न होने पाए।
[1/17, 2:07 PM] Ashish Kumar Singh: दरअसल, इस मामले में सिर्फ इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर हत्या का आरोप तय हुआ है। जबकि 5 अन्य आरोपी पुलिसवालों पर मारपीट - धमकी का केस चलेगा। CBI कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विजय कुमार झा ने आरोपी बनाए गए अक्षय मिश्रा समेत अन्य पुलिसकर्मियों को साक्ष्य मिटाने, मारपीट, धमकी देने और साजिश रचने का आरोपी माना है।

जिन धाराओं में अभियुक्तों पर आरोप तय हुए हैं, अब उसी पर केस आगे चलेगा। बीते 10 जनवरी को सभी 5 आरोपियों को जमानत भी मिल गई है। सिर्फ जगत नारायण सिंह को जमानत नहीं मिली है। हालांकि, जगत नारायण सिंह ने जमानत के लिए आवेदन भी नहीं किया है।

दरअसल, इस मामले में 7 जनवरी, 2022 को सीबीआई ने इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, 3 उपनिरीक्षक, हेड कॉन्स्टेबल और सिपाही को हत्यारोपी माना था। इन सभी के खिलाफ सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 325, 323, 506, 218, 201, 34, 120b और 149 के तहत कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। लेकिन, कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह को छोड़ शेष 5 पुलिसवालों पर से हत्या का आरोप हटा दिया।

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