बीएसए डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति ने बताया कि गौर विकास खण्ड के महुआ डाबर प्राथमिक विद़यालय में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत प्रेमलता सिंह फर्जी अभिलेखों के आधार पर शिक्षिका के पद पर वर्ष 1994 से नौकरी कर रही थी। इनके विरूद्ध गोरखपुर जिले के कौड़ीराम ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद़यालय भितहा में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत असली प्रेमलता सिंह ने शिकायत की थी।
3 दिसम्बर 1997 को हुई थी नियुक्ति
शिकायत में कहा था कि बस्ती में उनके अभिलेखों और पैन कार्ड का दुरूपयोग करते हुए कोई महिला फर्जी तरीके से नौकरी कर रही है, शिकायत बाद जांच कराई गई, जिसमें फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। कूटरचित ढंग से फर्जी अभिलेखों के आधार पर बस्ती जिले में 3 दिसम्बर 1997 को इनकी नियुक्ति होना पाया गया।
लिखा था गलत पता
वहीं सल्टौआ विकास खण्ड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय दसिया में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत अनीता सिंह के पैरोल माडयूल पैरोल माड्यूल पर डाटा अपलोड करते समय इसी पैन नंबर पर जनपद मऊ के ख्वाजा जहांपुर नगर क्षेत्र में कार्यरत अनीता सिंह के नाम की एक अध्यापिका का नाम शो होने की बीईओ ने जानकारी दी। इसके बाद इसकी जांच कराई गई। हाईस्कूल के अंकपत्र के सत्यापन में अकिंत पते पर सत्यापन कराने पर प्रकाश में आया कि वास्तविक अनीता सिंह मऊ जनपद की हैं। उनके अभिलेखों के आधार पर कूटरचित ढंग से 13 नवम्बर 1994 को फर्जी शिक्षिका ने नियुक्ति पा ली थी।
दोनों शिक्षिकाओं की सेवाएं समाप्त।
बीएसए ने बताया कि जांच उपरांत फर्जीवाड़ा की पुष्टि होने के बाद दोनों शिक्षिकाओं की सेवाएं समाप्त करते हुए उन्हे बर्खास्त कर दिया गया है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए वेतन की रिकवरी कराई जाएगी।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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