यदि आप भारतीय सिनेमा के जरा सा भी शौकीन हैं तो आपको याद होगा कि 2013 में अक्षय कुमार और अनुपम खेर की इनकम टैक्स पर एक फिल्म 'स्पेशल-26' आई थी। फिल्म में जिस तरह फर्जी इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों की टीम तैयार की जा रही थी ठीक उसी तर्ज पर आयकर विभाग के लखनऊ मुख्यालय प्रत्यक्षकर भवन में भी इंटरव्यू का खेल चल रहा था।
दुस्साहसी झांसेबाजों ने आयकर मुख्यालय को ही फर्जी नौकरी देने का अड्डा बना लिया। झांसेबाज मुख्यालय की कैंटीन में ही नौकरी देने का फर्जी इंटरव्यू ले रहे थे। कैंटीन में युवक-युवतियों की भीड़ देखकर आईटी सेल ने पूछताछ की तो पता चला कि सभी आयकर निरीक्षक के पद के लिए इंटरव्यू देने आए हैं। इसके बाद
मुख्यालय से फर्जीवाड़े की मास्टर माइंड एक महिला को पकड़ लिया गया। आवेदकों का आरोप है कि महिला ने उन सभी से 10- 10 लाख रुपये रिश्वत ली है। इस फर्जीवाड़े में विभाग के दो अधिकारी भी साथ दे रहे थे। हालांकि उनके नामों का अभी खुलासा नहीं हुआ है। महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
आयकर विभाग के जन संपर्क अधिकारी के मुताबिक मंगलवार को दोपहर बाद कुछ कर्मचारियों ने कैंटीन में फर्जी तरीके से इंटरव्यू होने की सूचना दी। इसके बाद अधिकारियों व कर्मचारियों की मदद से एक महिला को की महर व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
पकड़ी गई महिला का नाम प्रियंकाहै। उसके पास
में पता चला की महिला पिछले 20 दिनों से लगातार मुख्यालय परिसर में युवक-युवतियों का इंटरव्यू ले रही थी।
जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक प्रियंका का कलमबंद बयान दर्ज कराया गया है। वहीं प्रत्यक्षकर भवन परिसर से सात युवक-युवतियों को भी पकड़ा गया, जिन्होंने बताया कि सभी को आयकर निरीक्षक लिए प्रियंका मिश्रा को 10-10 लाख रुपये दिए थे
प्राप्त जानकारी के अनुसार पकड़ी गई आरोपी महिला से पूछताछ की गई। तो सामने आया कि वह लगातार पिछले 20 दिनों से मुख्यालय परिसर आती थी। कैफेटेरिया में बैठकर बेरोजगारों का इंटरव्यू लेती थी। इसके बाद उनको नियुक्ति पत्र भी बांटने की बात सामने आई है। लेकिन इसकी भनक विभाग के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को नही लगी। मंगलवार को उच्चाधिकारियों तक बात पहुंची तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसके बाद विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी जांच के दायरे में आ गये है। प्रत्यक्ष कर भवन के जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक मामले में जुड़े विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इस फर्जीवाड़े में भूमिका पाये जाने पर विभागीय कार्रवाई के साथ ही विधिक कार्रवाई की जाएगी विभागीय सूत्र के मुताबिक हाल के दिनों में खेल कोटा में कई पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया
गया था
कार्यालय से साक्षात्कार पत्र भी भेजा गया था।
अभ्यर्थियों की फिजिकल स्क्रीनिंग हाल में ही खत्म हुई। इसी को आधार बनाकर इस गिरोह ने फर्जीवाड़े का खेल खेलना शुरू कर दिया। जालसाजों ने फ्री-जॉब अलर्ट वेबसाइट पर इसका विज्ञापन दिया। इसके जरिए बेरोजगारों के आवेदन कराया। इसके बाद सभी से अपने गिरोह के सदस्यों के जरिये संपर्क कर दस-दस लाख रुपये वसूले।
फर्जीवाड़ा के लिए अधिकारियों के मुताबिक फर्जीवाड़ा गिरोह की महिला रोज कार्यालय पहुंचती थी। प्रत्यक्ष कर भवन में तैनात सभी अधिकारियों के बारे में पूरी जानकारी हासिल की। अधिकारी कब आते हैं? कौन - कौन अधिकारी बैठता है? उनका क्या अधिकार है? किस अधिकारी के हस्ताक्षर से नियुक्ति होती है? किस अधिकारी के नाम व पद की मुहर बनानी है ? किस तरह का नियुक्ति पत्र बनाया जाए, जो असली दिखे? इन सभी जानकारियों को जुटाने के बाद महिला ने अपना फर्जीवाड़े का खेल शुरू किया। लेकिन यहां पर प्रत्यक्षकर भवन में उसके प्रवेश करने तरीके पर सवाल खड़ा हो रहा है। इसमें जरूर कोई न कोई विभाग का बड़ा अधिकारी शामिल है। सूत्र बताते हैं कि बिना अनुमति के अंदर प्रवेश करना आसान नहीं है। वह भी लगातार 20 दिनों तक फर्जीवाड़ करने के लिए एक महिला अकेले कैसे प्रवेश कर सकती है ?
संदेह होने पर गार्ड ने अधिकारियों को सूचित किया आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक मंगलवार दोपहर को सुरक्षाकर्मी मुस्तैद था। करीब डेढ़ बजे एक युवक वहां पहुंचा। उसने वहां पर साक्षात्कार के बारे में पूछा परिसर के अंदर किसी भी पद के इंटरव्यू की कोई पुष्टि नहीं हुई। लेकिन युवक लगातार मोबाइल पर बात कर अंदर इंटरव्यू होने की बात कह रहा था। इस पर गार्ड को संदेह हुआ। तो उसने उच्चाधिकारी को सूचना दी। उच्चाधिकारी के निर्देश पर गार्ड ने युवक को अपने साथ उनके कार्यालय में लेकर गया। जहां पूछताछ में कैफेटेरिया में इंटरव्यू की बात सामने आई। वहां पर अचानक से विभाग के अधिकारी आ धमके। इसके बाद महिला पकड़ गई। वहीं तीन अभ्यर्थी भाग गये। लेकिन आठ को कर्मचारियों ने पकड़ लिया। जिनको पुलिस को सुपुर्द किया गया है। पूछताछ करने केबाद पुलिस ने छोड़ दिया है। वहीं संदेह के घेरे में आये प्रत्यक्षकर भवन के कुछ अधिकारियों से भी पूछताछ की गई। विभाग के कौन लोग शामिल है। इसकी पड़ताल की जा रही है।
प्रशासनिक अधिकारी की भूमिका संदेह के घेरे में आयकर विभाग के एक प्रशासनिक अधिकारी का नाम इस फर्जी नियुक्ति के खेल में सामने आ रहा है। उनकी भूमिका संदेह के घेरे में है। जिसकी जांच की जा रही है। जांच पूरी होने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। प्रत्यक्ष कर भवन में आयकर निरीक्षक की फर्जी नियुक्ति के बारे में एसीपी हजरतगंज अरविंद वर्मा के मुताबिक रात 8 बजे तहरीर मिली है। जिसमें प्रियंका मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है। उनके खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। पुलिस टीम पूछताछ कर ही है। जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्य के नाम भी सामने आ जाएंगे
आयकर विभाग का मुख्यालय नरही रोड पर प्रत्यक्षकर भवन है। पुलिस के मुताबिक, प्रियंका मिश्रा मूलरूप से शाहजहांपुर की रहने वाली है। उसने बीटेक की पढ़ाई की है और लखनऊ के त्रिवेणी नगर में रहती है। उसके पति शाहजहांपुर में ही रहते हैं । वह एक निजी महाविद्यालय से विधि की पढ़ाई कर रही है। जरूरतों को पूरा करने के लिए आउट सोर्सिंग के जरिये आयकर विभाग में काम करती है।
सूत्रों के मुताबिक, इंटरव्यू लेने वाले संदिग्ध अधिकारी व मास्टरमाइंड ने बेरोजगारों का डाटा बेस तैयार कर रखा था। इसके जरिये कई दिनों से इंटरव्यू का खेल चल रहा था। अब तक दो सौ से अधिक बेरोजगारों से इंटरव्यू लिया जा चुका था। मंगलवार को 50 से अधिक बेरोजगार पहुंचे थे। इतनी बड़ी संख्या में युवक व युवतियों को देखकर विभागीय कर्मचारियों को संदेह हुआ।
सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह
प्रत्यक्ष कर भवन की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यहां पर न तो कोई किसी अधिकारी के अनुमति के अंदर जा सकता है और न ही बाहर। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में युवकों का प्रवेश कैसे हुआ। यह बड़ा सवाल है। इसका जवाब तलाश रहे विभागीय उच्चाधिकारियों ने सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ शुरू की है। गेट पर रखे गए रजिस्टर की छानबीन की जा रही है। इसके अलावा कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जा रहें है ।
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