Feb 27, 2020

समाज सुधार में भी पुलिस की भूमिका अहम-आयुक्त,एक्ट की जानकारी के अभाव में गलत धाराएं न लगाये पुलिस- डीआईजी

गोण्डा - गुरुवार को मण्डलायुक्त महेन्द्र कुमार व डीआईजी डा0 राकेश सिंह के मार्ग निर्देशन में आयुक्त सभागार में मण्डल स्तरीय दो दिवसीय किशोर न्याय अधिनियम,पाक्सो अधिनियम, विवेचना, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम व बाल श्रम उन्मूलन पर आयोजित विशेष कार्यशाला का शुभारम्भा हुआ। देवीपाटन मण्डल के आयुक्त, डीआईजी देवीपाटन परिक्षेत्र तथा एसपी गोण्डा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया।
इस कार्यशाला में यूनीसेफ, प्रशिक्षित प्रशिक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा मण्डल के जनपदों के प्रत्येक थानों पर नियुक्त पुलिस बाल कल्याण अधिकारी एवं जनपद में अवस्थित प्रभारी विशेष किशोर पुलिस इकाई व नियुक्त सहवर्ती पुलिसकर्मियों को इस अधिनियम के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिया जा रहा है।आयुक्त महेन्द्र कुमार ने कार्यशाला के उद्घाटन केे पश्चात उपस्थित लोगों को सम्बाोधित करते हुए कहा कि पुलिस को अपने दायित्वों के निवर्हन के साथ ही समाज सुधार की भी भूमिका है जिसके अन्तर्गत किशोंरों को अपराधी बननेे से रोकना, उन्हें दिशा देना, उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाना ताकि वे देश व प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई क्षमता होती है जिसका उपयोग देशहित में हो सकता है। उन्होंने सभी प्र्रतिभागियों से अपेक्षा की कि वे कार्यशाला में अधिनियम के बारे में विभिन्न जानकारियां हासिल कर युवावर्ग को गलत रास्ते पर जाने से बचाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि वे कार्यशाला में पूरी रूचि लेकर बिना संकोच के ज्ञान ग्रहण कर पारंगत होकर अपनी कार्य प्रणाली को और बेहतर करें। उन्होंने बिहार पुलिस द्वारा स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए किये जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुये प्रतिभागियों से अपेक्षा की कि वे अपने-अपने कार्य क्षेत्र में स्कूल न जाने वाले बच्चों के मां-बाप की काउन्सलिंग करके उपस्थिति बढ़ा सकते हैं और बच्चों को शिक्षित कराकर समाज में मित्र पुलिस होने का उदाहरण प्रस्तुत कर कानून व्यवस्था को स्थापित करने तथा अराजकता खत्म करने में महत्वपूर्ण योगदान निभा सकते हैं। पुलिस उपमहानिरीक्षक देवीपाटन परिक्षेत्र डा0 राकेश सिंह ने कहा कि सम्बन्धित विषय क्षेत्र में एक्ट की जानकारी के अभाव में गलत धारायें लगा दी जाती हैं जो पुलिस की कार्यप्रणाली की दृृष्टि से उचित नहीं है। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि वेे अपने विवेचना के अमूल्य अधिकार का सही उपयोग करें तथा संवेदनशील होकर अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि सभी लोग कार्यशाला में जानकारी प्राप्त कर तथा अधिनियम को पढ़कर विभिन्न मामलों में उचित धाराओं का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रतिभागी कार्यशाला की महत्ता को समझें कि इससे किशोरों की ऊर्जा को सकारात्मक रूप देना है और प्राप्त जानकारी का अपने कार्य व दायित्वों में पूरा उपयोग करना है। उन्होंने मण्डल के सभी प्रतिभागियों से अपेक्षा की कि वे कार्यशाला में प्राप्त जानकारी के सम्बन्ध में जो डायरी में नोट करेगें, उसे उन्हें दिखाएं ताकि कार्यशाला में उनके द्वारा ली गई रूचि की जानकारी हो सके।
पुलिस अधीक्षक आर0के0 नैयर ने किशोर न्याय अधिनियम, बबाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम,पाक्सो अधिनियम तथा बाल श्रम उन्मूूलन के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए सामाजिक कुुरीतियों को खत्म करने तथा अधिनियमों के अनुरूप अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने पर बल दिया। उन्होंने कार्यशाला में प्रतिभागियों से अपेक्षा की कि वे कार्यशाला में दी गई जानकारियों को पूरे मनोयोग के साथ ग्रहण करें, उनके द्वारा उनकी डायरी देखकर परीक्षण भी किया जायेगा।
         इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी गोण्डा जयदीप सिंह, मण्डलीय बाल संरक्षण सलाहकार अनिल कुमार, प्रत्येक थाने के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी तथा विशेष किशोर पुलिस इकाई के कार्मिक, वन स्टाॅप सेन्टर के स्टाफ तथा अन्य सम्बन्धित लोगों ने प्रतिभाग किया।

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