Dec 24, 2025

मिशन शक्ति अभियान 5.0 के तहत एण्टी रोमियो स्क्वायड टीमों द्वारा भरवाए गए फीडबैक फॉर्म




उत्तर प्रदेश शासन द्वारा संचालित मिशन शक्ति अभियान 5.0 के अंतर्गत महिला एवं बालिका सुरक्षा, सम्मान एवं आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल के निर्देशन में जनपद के राजपत्रित अधिकारियों एवं एण्टी रोमियो स्क्वायड टीमों द्वारा आज विभिन्न थाना क्षेत्रों में व्यापक जनजागरूकता कार्यक्रम संचालित किए गए। इस दौरान गांवों, कस्बों एवं सार्वजनिक स्थलों पर चौपाल लगाकर स्थानीय महिलाओं एवं बालिकाओं से सीधा संवाद स्थापित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान टीमों द्वारा महिलाओं/बालिकाओं को महिला सशक्तिकरण, साइबर अपराध से बचाव, आत्मरक्षा के उपाय तथा कानून द्वारा प्रदत्त अधिकारों की विस्तृत जानकारी दी गई। मिशन शक्ति की महिला पुलिसकर्मियों द्वारा उपस्थित महिलाओं एवं बालिकाओं से उनकी व्यक्तिगत एवं सामाजिक समस्याओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई तथा उनके आवागमन के दौरान होने वाली संभावित परेशानियों पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर महिलाओं/बालिकाओं से फीडबैक फॉर्म भरवाए गए, जिनके माध्यम से संवेदनशील एवं हॉटस्पॉट क्षेत्रों को चिन्हित किया गया। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त पाए गए मनचलों को एण्टी रोमियो स्क्वायड टीम द्वारा रेड कार्ड जारी कर सख्त चेतावनी दी गई, जिससे भविष्य में ऐसी गतिविधियों की पुनरावृत्ति न हो।
टीमों द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं को भरोसा दिलाया गया कि गोण्डा पुलिस हर समय उनकी सुरक्षा एवं सहयोग के लिए तत्पर है। इसके साथ ही शासन द्वारा जारी महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी गई, जिनका उपयोग आवश्यकता पड़ने पर तत्काल सहायता प्राप्त करने हेतु किया जा सकता है।
112 – पुलिस आपातकालीन सेवा
1090 – वूमेन पावर हेल्पलाइन
1076 – माननीय मुख्यमंत्री हेल्पलाइन
108 – एंबुलेंस सेवा
1930 – साइबर अपराध हेल्पलाइन
1098 – चाइल्ड हेल्पलाइन
102 स्वास्थ्य सेवा
इसके अतिरिक्त महिलाओं एवं बालिकाओं को साइबर सुरक्षा से संबंधित आवश्यक सावधानियों, जैसे अज्ञात कॉल अथवा संदेशों पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करने, बैंकिंग धोखाधड़ी से बचाव तथा सोशल मीडिया पर गोपनीयता बनाए रखने के उपायों के बारे में भी जागरूक किया गया।

टीमों द्वारा यह भी बताया गया कि मिशन शक्ति अभियान का उद्देश्य केवल महिला सुरक्षा सुनिश्चित करना ही नहीं, बल्कि महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे प्रत्येक परिस्थिति में अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें।

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