May 15, 2024

कैसरगंज: जनता के मुद्दों पर खरा कौन ?


करनैलगंज/ गोण्डा - चुनावी मुद्दा ? क्या पार्टी द्वारा जारी किया गया घोषणा पत्र में दिए गए मुद्दे या स्थानीय मुद्दे। कैसरगंज लोकसभा सीट प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चित लोकसभा सीट मानी जा रही है, यहां प्रत्याशी चयन को लेकर कई पार्टियों ने बीते दिनों लम्बे अरसे तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की। नामांकन की अंतिम तारीख के 1 दिन पूर्व भारतीय जनता पार्टी तो इसके 1 दिन बाद ही समाजवादी पार्टी ने भी प्रत्याशी के नाम की घोषणा की । लेकिन बसपा ने इससे पहले ही अपने उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार दिया था। अब काबिलेगौर बात यह है कि इन पार्टियों के प्रत्याशी किन मुद्दों के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। बीते कुछ दिनों पूर्व विश्वविद्यालय की गोंडा में स्थापना को लेकर खूब हो हल्ला हुआ जिसमें सामाजिक संस्थाओं से लेकर विपक्षी पार्टियों तक ने खूब विरोध प्रदर्शन किया लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात रहा और सरकार ने विश्वविद्यालय बलरामपुर जनपद में बनाने के लिए आदेश दे दिए। इसी तरह कैसरगंज संसदीय क्षेत्र अंतर्गत गोण्डा - लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सरयू रेलवे क्रॉसिंग ,जंहगिरवा रेलवे क्रॉसिंग तथा करनैलगंज - हुजूरपुर मार्ग पर बनी रेलवे क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर का निर्माण। वहीं  बलरामपुर - गोण्डा होते हुए लखनऊ राजधानी को जोड़ने वाले सरयू नदी पर बने जीर्ण - शीर्ण हो चुके कटरा घाट सरयू पुल, जिसके क्षतिग्रस्त होने पर कई बार आवागमन डायवर्ट किया गया और बंद किया गया जिससे आम जनमानस को काफी दिनों तक भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पर अब तक इसके समानांतर कोई नया पुल नहीं बन सका। वहीं स्थानीय मुद्दों की बात करें तो करनैलगंज के सकरौरा ग्रामीण में बने पॉलिटेक्निक व मत्स्य पालन केंद्र का कार्य भी परवान नहीं चढ़ सका। अगर यह सुचारू रूप से  संचालित होता तो स्थानीय लोगों को रोजगार तो मिलता ही साथ ही स्थानीय युवाओं को बगैर सूदूर गए तकनीकी शिक्षा भी मिलती । सड़क और गांवों में घूम रहे बेसहारा पशु सहित अन्य कई स्थानीय मुद्दे आमजन को मथ रहे हैं । क्या जनहित से सीधे जुड़े और आमजन को लाभान्वित या प्रभावित करने वाले क्षेत्र के यह आधारभूत मुद्दे बसपा,सपा और भाजपा प्रत्याशियों के मन को छू पायेंगे या मात्र मुद्दा बनकर ही रह जायेंगे।

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