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May 4, 2024

बुलंदियों पर रहने के बाद भी भ्रष्टाचार से दूर रहे अवधेश सिंह - पूर्वमंत्री योगेश प्रताप

 




करनैलगंज/गोण्डा - एक दौर था जब अवधेश सिंह केंद्रीय राजनीति के शिखर पर पहुंचे और केंद्रीय सरकार के बहुत करीब रहे,फिर भी उन्होंने भ्रष्टाचार और लेन देन से अपने आपको अलग रखा। उक्त उदगार वरिष्ठ नेता अवधेश सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते वक्त पूर्वमंत्री योगेश प्रताप सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अभाव में रहकर भी उन्होंने सैद्धांतिक जीवन जिया और किसी मुद्दे पर कभी पीछे नहीं मुड़े। राजनीति में सत्ता में रहने पर कभी कभी ताकत का बेजा इस्तेमाल हो जाता है लेकिन अवधेश सिंह का नाम इससे भी अछूता रहा।

अवधेश सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने  पहुंचे पूर्व आई जी होमगार्ड रणजीत सिंह ने उन्हें स्मरण करते हुए कहा कि उनके सपनों और अधूरे कार्यों को पूर्ण करना हम सबका दायित्व है,उन्होंने कहा कि अवधेश सिंह ने पूरा जीवन संघर्षों और अभावों में जिया लेकिन उन्होनें कभी ईमानदारी और सिद्धांत से कभी समझौता नहीं किया। काग्रेस के वरिष्ठ नेता बृजेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि 

"जिन्दा रहने पर कौन करता है, वक्त मरने के बाद बढता है, बना ये आदमी पत्थर जब से फूल मूरत पर अब रोज चढता है" 

इन पंक्तियों के माध्यम से नमन करते हुए उन्होंने कहा कि श्रद्धेय अवधेश सिंह जी सिद्धांतो पर हमेशा अडिग रहे हैं तीन प्रधानमंत्री के साथ संगठन और सरकार के फैसले में शामिल रहने, और तमाम राजनैतिक शक्ति के वावजूद कभी चिमटे से एक रूपये का लाभ लेना स्वीकार नहीं किया । वह समाज के प्रति बहुत संवेदनशील थें, डाक्टर लोहिया जी के समाजवाद को भारतीय समाज के लिए बहुत अनुचित माना कि इससे समाज बटा लोहिया जी ने समाज को बीच से उठा लिया वोट के लिए 

20% नीचे के गरीब दलितों को, 20% 

सवर्णों को छोड़ कर 60% की बात किया। अन्त में बृजेंद्र सिंह ने कहा कि 

  "जीवन के झरोखे में फसल जब यादों की बोयेंगें। जितना जिसको याद करेंगे उतना ही रोयेंगे"।।

 


अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रमेश सिंह ने उन्हें नमन करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। परिषद के प्रदेश अध्यक्ष सूर्यबली सिंह ने अवधेश सिंह को नमन करते हुए उन्हें समाज का सजग प्रहरी बताया और और कहा कि उनके पद चिन्हों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।


अयोध्या से आए परिषद के वरिष्ठ साथी राजेश सिंह ने अवधेश जी के जीवन चरित्र पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए उन्हें समाज का बीर योद्धा बताया। प्रतापगढ़ से आए सूबेदार सिंह राणा और रामलखन सिंह ने उनके साथ बिताए पल और समाज के उत्थान में उनके योगदान को यादकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद के वरिष्ठ साथी उग्रसेन सिंह ने अवधेश सिंह को स्मरण कर उनके साहस, ईमानदारी और संघर्ष का बखान किया। वहीं कटरा शिवदयालगंज लोलपुर से आए भगौती सिंह उन्हें नमन करते हुए भावुक हो उठे।


बिन्नु पाण्डेय को अवधेश सिंह ने दिखाई राजनीति की राह 


अवधेश सिंह के अति करीबी रहे डा.सुनील सिंह ने उन्हें नमन करते हुए एक संस्मरण साझा किया, उन्होनें बताया कि नेताजी अवधेश सिंह ने न जाने कितनो की मदद की और न जाने कितनो को नेता बनाया । इसका एक उदाहरण देते हुए उन्होनें कहा कि एक दौर था जब छात्र राजनीति में आए विनय कुमार पाण्डेय उर्फ बिन्नू पाण्डेय को नेताजी ने राजनीति में उतारा। नेताजी जी के विषेश मार्गदर्शन में वह  वर्ष 1991 में पहली बार विधायक और फिर मंत्री बने और पूरे प्रदेश में चर्चित चेहरों में शामिल रहे। लखनऊ से आए पी. के. सिंह ने अवधेश सिंह के बताए रास्ते पर चलने का स्मरण कराते हुए उनके जीवन पर व्यापक रूप से चर्चा की। 



 


शुक्रवार को अवधेश सिंह के तेरहवीं संस्कार पर पैतृक गांव प्रतापपुर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सिद्धांत और सादगी की प्रतिमूर्ति,ईमानदारी और निडरता के पर्याय रहे अवधेश सिंह को श्रद्धांजलि देने गोण्डा जनपद सहित गैर जनपद के तमाम लोग पहुंचे।जिसमें मुख्य रूप से डा.शेर बहादुर सिंह, डा.श्याम बहादुर सिंह,हनुमान सिंह विसेन, के बी सिंह, पवन सिंह रघुवंशी बनारस,पंकज श्रीवास्तव,विनय चौधरी लखनऊ,त्रिलोकी नाथ तिवारी, निशांत सिंह विसेन,राजेंद्र अवस्थी, गणेश प्रसाद तिवारी, गब्बू सिंह, सुनील सिंह,याकूब अज्म गोंडवी, जयचंद्र सिंह, राम आशीष गोस्वामी, नीतीश श्रीवास्तव, राहुल सिंह,अजय सिंह, प्राग सिंह, पवन सिंह,राजकुमार सिंह सहित सैकड़ों लोग रहे।


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