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Apr 22, 2024

डाक्टर दिखाने से पहले पर्चा बनवाने में ही मरीजों के छूट रहे पसीने

 डाक्टर दिखाने से पहले  पर्चा बनवाने में ही मरीजों के छूट रहे पसीने

पर्चा बनवाने से पहले टोकन व्यवस्था ने बढ़ाई मरीजों की दुश्वारियां

बहराइच। शहर के जिला चिकित्सालय को मेडिकल कालेज में तब्दील होने पर जनपदवासियों को यह तसल्ली हुई थी कि उन्हें अब अपने जनपद में ही बेहतर इलाज सुलभ हो सकेगा। मेडिकल कालेज की नई व्यवस्थाओं से मरीजों की उम्मीदों पर तुषारापात होता दिख रहा है। आलम यह है कि मरीजों को पर्चे बनवाने में ही पसीने छूट रहे है व उनकी पतलून ठीली हो रही है। मेडिकल कालेज प्रशासन द्वारा पर्चा बनवाने से पहले शासन के निर्देश पर शुरू की गई टोकन की व्यवस्था मरीजों व उनके तीमारदारों पर भारी पड़ रही है। पर्चो के लिए तो पांच से छह काउन्टर है पर टोकन के लिए मात्र दो ही काउन्टर संचालित किये जा रहे है। ऐसे में मरीजों को डाक्टर के पास पहुंचने से पहले ही पर्चे बनवाने के लिए लाले पड़ रहे है। टोकन लेने के लिए घण्टों लाइन में बिताना पड़ रहा है। वहीं टोकन बनाने मंें दस से पन्द्रह मिनट का समय लग रहा है। मात्र दो काउन्टर संचालित होने से तीमारदारों व मरीजों की लम्बी लाइनें देखी जा रही है। टोकन लेने के लिए भी मरीज व तीमारदार के पास मोबाइल होना आवश्यक है। यदि किसी के पास मोबाइल नहीं है तो उसका पर्चा भी बनना मुश्किल पड़ रहा है। सोमवार 12 बजे के आसपास का समय था। फखरपुर की शकीला बानों कमर के दर्द के लिए हड्डी के डाक्टर को दिखाना चाह रही थी। पूछने पर बताया कि भैया लगभग घण्टे भर होने को है अभी टोकन ही नहीं मिल पाया है। कब टोकन मिलेगा, कब पर्चा बनेगा, पता नहीं डाक्टर मिलते भी है कि नहीं। रिसिया के एक गांव से पहुंचे राम प्रसाद बताते है कि उनके बेटे को कई दिनों से बुखार आ रहा है फिजीशियन को दिखाना है। घर से कोई मोबाइल लेकर भी नहीं आया है। टोकन काउन्टर वाले ने बताया है कि मोबाइल लाओं तभी टोकन बन पायेगा। ऐसे में टोकन काउन्टर की कमी होने के चलते मरीजों को पर्चे बनवाने में ही लाले पड़ रहे है।

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क्या है नई व्यवस्था

शासन के निर्देश पर मेडिकल कालेज प्रशासन द्वारा पर्चा बनवाने से पहले टोकन की व्यवस्था लागू की गई है। जिसमें एचआईएमएस पोटल पर मरीजों का रिकार्ड अपडेट किया जाता है। जिसके बाद उनके मोबाइल नम्बर पर ओटीपी आती है। जिसके बाद टोकन नम्बर जनरेट होता है। टोकन नम्बर लेकर मरीजों को पर्चा काउन्टर पर जाकर टोकन नम्बर बताकर पर्चा बनवाना पड़ता है।

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क्या कहते है मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य

पर्चा बनवाने मंे मरीजों व उनके तीमारदारों को हो रही परेशानियों को लेकर जब मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.संजय खत्री से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश पर टोकन व्यवस्था लागू की गई है। जिस व्यवस्था से दिन भर में पूरे मरीजों का डेटा उपलब्ध हो जाता है जो हमे शासन को भेजना पड़ता है। टोकन के काउन्टरों की संख्या में बढ़ोत्तरी किया जायेगा। हमारे द्वारा इनटर्नरशिप वालों को भी टोकन में लगाया गया है। अभी आचार संहिता के चलते समस्यायें है। शीघ्र ही टोकन काउन्टर बढ़ाये जायेगे ताकि मरीजों व उनके तीमारदारों को किसी प्रकार की समस्या न हो।

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