बहराइच । अखंड भारत क्षत्रिय महासभा फाउंडेशन के तत्वाधान में जिलाध्यक्ष ध्रुवराज सिंह की अध्यक्षता में सिविल लाइन में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की पुण्यतिथि मनाया गया । उक्त अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी उत्तर प्रदेश ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध हल्दी घाटी का युद्ध जो सन् 1576में मेवाड़ के कीर्तिमान शासक महाराणा प्रताप जो अपने पिता महाराजा उदय सिंह जी के निधन के बाद सत्तासीन हुए थे ।जिनको मेवाड़ पर पूर्ण अधिकार के लिए निजी तौर पर अकबर ने आधीनता स्वीकार कर लेने हेतु अन्य राजपूत राजाओं के समान ऊंचे मनसब पर विराजमान होने के लिए अथक प्रयास किए। किंतु राजपूती आन के धनी महाराणा प्रताप जी ने किसी भी मूल्य पर पराधीनता स्वीकार न करके बल्कि अंतिम सांस तक लडते लडते वीरगति प्राप्त कर लिया था । जिलाध्यक्ष ध्रुवराज सिंह ने कहा कि 1599में महाराणा प्रताप जी के निधन के बाद उनके ज्येष्ठ पुत्र अमर सिंह उत्तराधिकारी बने । हमें महाराणा प्रताप जी की जीवनी पढ़ कर उनके त्याग, बलिदान और महान पराक्रम से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है । इस अवसर पर प्रदेश महासचिव विनय सिंह गुड्डू कलहंस,मण्डल अध्यक्ष नागेन्द्र सिंह कुशवाहा, रमेश सिंह लाल, बब्बन सिंह रैकवार, सतीश सिंह विसेन संजय सिंह जनवार डाक्टर प्रताप सिंह सूर्यवंशी आशीष भदौरिया सहित कई लोगों ने अपने अपने वक्तव्य के दौरान महाराणा प्रताप जी के कृतित्व व ब्यक्तित्व पर प्रकाश डाला ।
Jan 19, 2024
वीरता की मिसाल थे महाराणा , नहीं स्वीकार की गुलामी
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