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May 12, 2023

भूमि बैनामे को लेकर दो विधायकों पर एफआईआर दर्ज,लल्ला भैया का भी नाम शामिल

करनैलगंज/गोण्डा - भूमि मामले  में जालसाजी को लेकर क्षेत्र के दो विधायकों सहित आठ लोगो पर मुकदमा दर्ज कराया गया है,मामले में पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह के भाई की ओर से मामला दर्ज कराया गया है। भंभुआ निवासी कामेश प्रताप सिंह पुत्र उमेश्वर प्रताप सिंह द्वारा कोतवाली करनैलगंज में दर्ज कराए गए मामले में कहा गया है कि  रामचन्दर सिंह आयु करीब 40 वर्ष, पुत्र उमराव सिंह, निवासी- बाबूगंज थाना हसनगंज जिला लखनऊ, मोहम्मद जकी आयु करीब 42 वर्ष,मोहम्मद वसीम आयु करीब 27 वर्ष, पुत्रगण नूर मोहम्मद,मोहम्मद शमीम आयु करीब 34 वर्ष पुत्रगण नूर मोहम्मद निवासीगण सदर बाजार, थाना कोतवाली करनैलगंज,सरजू प्रसाद आयु करीब 34 वर्ष पुत्र जगजीवन प्रसाद, निवासी- ग्राम पिपरी थाना कोतवाली करनैलगंज,कुमारी बृज सिंह,पुत्री मदनमोहन सिंह, अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भईया पुत्र मदनमोहन सिंह निवासीगण ग्राम बरगदी तत्कालीन तहसीलदार द्वारा मिलीभगत कर जमीन हड़पने हेतु फर्जी दस्तावेज के सहारे बैनामा करा लिया गया। मामले में पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई और कोर्ट के आदेश पर उपरोक्त लोगो पर मुकदमा दर्ज किया गया। दर्ज मुकदमे में कामेश प्रताप सिंह द्वारा कहा गया है कि उनकी पत्नी सुधा सिंह तथा भाभी विजय लक्ष्मी सिंह पत्नी योगेश प्रताप सिंह के नाम गाटा स- 301 / 0.18डि0, 302 / 0.12 डि0, 303 / 0.45डि0, 304/0.22 डि. 307/0.43 डि० 308/0.22 डि0, 309/0.22 डि0, कुल (1-84) एक एकड़ चौरासी डिस्मिल जमीन दिनांक 02.07.2005 को शेर बहादुर सिंह पुत्र सर्वादीन सिंह, निवासी- ग्राम व पोस्ट भभुआ, तहसील करनैलगंज, ह० उमेश प्रताप सिंह, जिला गोण्डा ने रजिस्टर्ड बैनामा निष्पादित किया और जमीन का कब्जा प्रार्थी के परिवार के पक्ष में दे दिया। शेर बहादुर सिंह ने उपरोक्त जमीन उमराव सिंह से वर्ष 1964 मे बैनामे के माध्यम से क्रय किया था, जिसका दाखिल खारिज दिनांक 08.07-2004 को उनके पक्ष में हो गया था। रामचन्दर पुत्र उमराव सिंह निवासी बाबूगंज, जिला लखनऊ ने जान बूझकर उपरोक्त जमीन की रजिस्ट्री कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नूर मोहम्मद पुत्र मोहम्मद शफी, निवासी- सदर बाजार करनैलगंज, जिला गोण्डा व सरजू प्रसाद पुत्र जगजीवन प्रसाद, निवासी- पिपरी के पक्ष में दिनांक 14.10.2003 को कर दिया, जबकि उक्त जमीन का बैनामा पहले ही शेर बहादुर सिंह के पक्ष में उनके पिता उमराव सिंह द्वारा किया जा चुका था। इसी बीच नूर मोहम्मद की मृत्यु के बाद उनके वारिसान मोहम्मद जकी, मोहम्मद वसीम, मोहम्मद शमीम तथा सरजू प्रसाद, अजय प्रताप उर्फ लल्ला भईया तथा उनकी बहन बृज कुमारी सिंह व तहसीलदार करनैलगंज ने आपस मे षडयंत्र करके जानबूझ कर दिनांक 17.09.2005 को गाटा सं0- 301 / 0.18डि0, 302 / 0.12डि0, 303 / 0.45डि0, 304 / 0.22 डि0307 / 0.43डि0, 308/0.22डि0, 309 / 0.22डि0, कुल 0.745 हे0 (शून्य सात सौ पैंतीस हेक्टेयर) जमीन का एक तिहाई भाग अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भईया ने अपनी बहन बृज कुमारी सिंह के नाम से रजिस्ट्री करवा दी जबकि यह जानते हुये कि जमीन प्रार्थी के परिवार की है,अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भईया वर्तमान मे भारतीय जनता पार्टी से विधायक थे और उनकी बहन बृज कुमारी सिंह पूर्व मे विधायक रह चुकी हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि दिनांक- 02.07.2005 के बैनामे के आधार पर तहसीलदार ने विजय लक्ष्मी सिंह के पक्ष मे दिनांक- 26.09.2005 के निर्णय द्वारा दाखिल खारिज कर दिया था। बाद में कथित वारिसान के दूसरे बैनामे (दिनांक- 17.09.2005) के पश्चात उपजिलाधिकारी करनैलगंज ने प्रार्थिनी के दाखिल खारिज को निरस्त कर तहसीलदार करनैलगंज को पुनः निर्णय हेतु भेज दिया। तहसीलदार ने अपने के निर्णय दिनांक- 26.09.2005 को संज्ञान मे लिये बिना कुमारी बृज सिंह के पक्ष में निर्णय दे दिया। इसके बाद अपर आयुक्त देवी पाटन मण्डल ने भी एक पक्षीय निर्णय में निगरानी खारिज कर दी थी। इसके विरूद्ध राजस्व परिषद लखनऊ में अपने आदेश दिनांक 24.09.2020 द्वारा यथा स्थिति बहाल रख अग्रिम आदेशों तक अन्तिम आदेश पारित न करने का निर्णय का ह० कामेश प्रताप सिंह आदेश दिया है। ध्यान देने की बात यह है कि तहसीलदार द्वारा दिया गया बाद का निर्णय फ्राड की श्रेणी में आता है, क्योकि तहसीलदार ने अपने ही दिये गये पूर्व के निर्णय को जो विजय लक्ष्मी सिंह के बैनामे में दिया गया था को ध्यान नही दिया गया। उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्णय बलवत सिंह बनाम दौलत सिंह, सात जुलाई 1997 में कहा है- Be that as it may we have already noticed that mutation entries do not convey a extinguish any title and those entries are relevant only for the purpose of collection of land revenue. That being the position, Mutation No. 1331, cannot be construed as conveying title in favor of Balwant Singh and Kartar Singh or extinguishing the title of Durga Devi in the suit property, consequently the title to the suit property always visited with the widow notwithstanding the Mutation No.- 1331, उपरोक्त निर्णय के अनुसार उपरोक्त जमीन का अधिकार विजय लक्ष्मी सिंह आदि के पक्ष मे बैनामे के आधार पर बना रहेगा मात्र फर्जी दाखिल खारिज के द्वारा विजय लक्ष्मी आदि का अधिकार उपरोक्त से समाप्त नही होता है, जब तक दिनांक 02.07.2005 का बैनामा प्रभावी हैं। ज्ञातव्य है कि उक्त जमीन मे निषेधाज्ञा हेतु एक वाद भी व्यवहार न्यायालय (वरिष्ठ वर्ग) गोण्डा के यहां दायर है। यह भी संज्ञान आया है कि शेर बहादुर सिंह ने एक मुकदमा 229 डी का उपजिलाधिकारी करनैलगंज के यहां दायर किया था, जिसमें उपजिलाधिकारी ने विक्रय व बंधक पर रोक लगा दी थी। अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भईया व उनकी बहन बृज कुमारी सिंह, दोनो लोग अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल करके जमीन पर जबरन कब्जा करने का काम करते है। इसी प्रकार इन लोगो ने दिनांक- 30.12.2020 को अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भईया के द्वारा सैकडो लोग जो अवैध असलहों से लैस थे,पीड़ित के परिवार की जमीन पर जबरन अवैध कब्जा करने के उद्देश्य से
मौके पर पहुंचे,तभी आम जनमानस के आ जाने के कारण अनहोनी घटना होते होते बची।

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