पूरी कुरान सुनाने पर मोहम्मद समीर, कामरुज़्ज़मा को प्रबंधक जमील अहमद द्वारा अजमेर शरीफ का टिकट और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। मुख्य वक्ता मुफ्ती अमानूररब ने कहा कि मदरसों से देश को शांति और सौहार्द का पैगाम देने वाले हाफिज और मौलाना निकलते हैं। कहा कि जिस बच्चे ने कुरान सीखा, वह बहुत बड़ी दौलत पा गया, जिसे बाजार से किसी भी कीमत पर खरीद या किसी पैरवी से नहीं पाया जाता। इससे बड़ी कोई दौलत नहीं होती। शायर अम्बर मुशाहिदी के शेर अल्लाह भी हैं तालिबे दीदार तुम्हारा पर लोगों ने खूब दाद दी।
दस्तार पाने वाले बच्चों के परिजनों ने बच्चों का फूल मालाओं से स्वागत किया। अपने कंधे पर उठा कर उनका हौसला बढ़ाया। कार्यक्रम के अंत में हिफ्ज़ पढ़ने वाले कारी सरवर और मदरसे के पहले सेवानिवृत्त होने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बिस्मिल्लाह को शाॅल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अध्यक्ष मोहम्मद इस्माइल, प्रिंसिपल अब्दुल रहीम अशरफी, मोहम्मद शकील, मोहम्मद एहसान, मोहम्मद साजिद, मोहम्मद तुफैल, मोइनुद्दीन अहमद, अबुल वफ़ा, कारी सरवर, मोहम्मद वसीक, हाफिज इस्राइल, इमरान अली, मोहम्मद यासीन, कारी यूसुफ, मोहम्मद असगर, सेराज अहमद, इज़हार अली और सीमा बानो आदि रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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