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Feb 23, 2023

जिला कारागार गोण्डा में हुआ विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ व माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा श्री ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी के निर्देशानुसार दिनांक-22 फरवरी को जिला कारागार गोण्डा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं कारागार का निरीक्षण श्री नितिन श्रीवास्तव, अपर जिला जज/एफटीसी-द्वितीय/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा किया गया। 
विधिक साक्षरता शिविर के आयोजन एवं निरीक्षण से पूर्व जिला कारागार के बाहर विचाराधीन बन्दियों से मुलाकात करने हेतु बैठे उनके परिजनों से बातचीत की गयी। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान सचिव द्वारा कारागार में निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों से मुलाकात की गयी तथा उनको बताया गया कि जिन विचाराधीन बन्दियों की जमानत हो चुकी है तथा जमानत बन्ध पत्र दाखिल नही कर पाये हों, वह अतिशीघ्र न्यायालय में जमानत बन्ध पत्र दाखिल करावें तथा यदि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नही है तो इस सन्दर्भ में कारागार के पीएलवी/पैनल अधिवक्ता के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित करावें। जेलर/प्रभारी जेल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि आज की तिथि में कुल 1105 बन्दी कारागार में निरूद्ध हैं, जिसमें से सिद्धदोष बन्दी 219, विचाराधीन बन्दी 860 तथा अस्पताल में भर्ती सिद्धदोष बन्दी 07 व विचाराधीन बन्दी 19 हैं। सचिव द्वारा महिला बैरक के निरीक्षण के दौरान महिला बन्दियों के साथ रह रहे उनके 06 बच्चों के खान-पान एवं रहन-सहन, मनोरंजन एवं खेलकूद के बारे में जेलर/प्रभारी जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि जेल में अपनी माता के साथ रह रहे बच्चों को निर्धारित मात्रा में दूध फल इत्यादि की व्यवस्था की जाये। सचिव द्वारा कौशल विकास योजना के तहत कारगार में निरूद्ध महिला बन्दियों द्वारा तैयार की जा रही वस्त्रों को देखा गया एवं महिला बैरक में बने शौचालयों का निरीक्षण किया गया तथा शौचालय की साफ-सफाई हेतु जेलर/प्रभारी जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया। सचिव द्वारा बन्दियों से उनके खान-पान के विषय में पूंछतांछ के दौरान बन्दियों द्वारा बताया गया कि आज उन्हें प्रातःकालीन भोजन में रोटी, चावल, दाल उरद राजमा तथा सब्जी आलू मूली साग दिया गया है तथा प्रातः नाश्ते में दलिया गुड व चाय दिया गया है। सचिव द्वारा कारागार में बने बैरक 07 व 08 का निरीक्षण कर कैदियों के हिस्ट्रीटिकट को देखा गया तथा कैदियों से उनके वाद के सम्बन्ध में पूंछतांछ की गयी। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि कारागार में निरूद्ध ऐसा बन्दी, जिनके पास उनके वाद की पैरवी करने हेतु कोई अधिवक्ता नही है, तो वे अपना प्रार्थना पत्र जेल पीएलवी/डिप्टी जेलर कारगार गोण्डा के माध्यम से सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित करावें, तत्पश्चात उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उनके वाद की निःशुल्क पैरवी हेतु न्यायमित्र/पैनल अधिवक्ता की नियुक्ति की जायेगी। सचिव द्वारा कारागार में बने पाकशाला का भी निरीक्षण किया गया जहां पर सायंकालीन भोजन रोटी, चावल, दाल-अरहर, सब्जी-आलू व गोभी तैयार किया जा रहा था। पाकशाला में कार्य करने वाले बंदियों के नाखून व बाल सही प्रकार से बने थे तथा पाकशाला में कार्य करने वाले कोई भी बन्दी रोगग्रस्त व चोट ग्रस्त नही पाये गये। भोजन का साप्ताहिक मीनू पाकशाला में अंकित पाया गया और आज उसी के अनुसार भोजन तैयार किया जा रहा था। रोटी बनाने हेतु उपयोग किये जाने वाले आटे की गुणवत्ता ठीक पायी गयी। सचिव द्वारा जिला कारागार में बने अस्पताल के निरीक्षण के दौरान मरीजों से मुलाकात किया गया तथा उनका हाल-चाल पूंछा गया। कारागार अस्पताल में रखे दवा के स्टाक रजिस्टर को देखा गया, जिस पर रजिस्टर में दर्ज दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध पायी गयीं। कारागार अस्पताल में साफ-सफाई व्यवस्था में कमी पायी गयी, जिस पर जेलर/प्रभारी जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि कारागार अस्पताल में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करावें। इस अवसर पर जेलर/प्रभारी जेल अधीक्षक शिव प्रताप मिश्र, उपकारापाल शैलेन्द्र त्रिपाठी व विवेक कुमार सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के लिपिक मुकेश कुमार वर्मा, कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- मुन्नू सिंह

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