आज से ठीक एक साल पहले कुन्नूर में CDS श्री बिपिन रावत के साथ हेलिकॉप्टर क्रैश में आगरा के लाल विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान भी शहीद हुए थे। पृथ्वी सिंह के बलिदान पर उनके श्रद्धांजलि देने को मुख्यमंत्री सहित तमाम नेता आए थे। जब तक सूरज चांद रहेगा पृथ्वी तेरा नाम रहेगा के नारे से पूरा आगरा गूंज उठा था।
शहीद के नाम पर बड़ी-बड़ी घोषणाएं हुई। शहीद के परिजनों को हर सुख-दुख में जनप्रतिनिधि और नेताओं ने साथ खड़े होने का भरोसा दिलाया था। परंतु शहीद के परिवार को मलाल है कि बेटे की अंतिम यात्रा के बाद किसी ने उनके घर का रूख नहीं किया । जो वादे किए थे, उसमें से अधिकांश पूरे नहीं हुए। अब तो बेटे की याद में हर पल आंखों से आंसू गिरते हैं।
शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान को शहीद हुए एक साल हो गया। बेटे के जाने का दर्द आज भी पिता सुरेंद्र सिंह चौहान और मां सुशीला चौहान की आंखों के आंसू बयां कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बेटे को गए एक साल हो गया, लेकिन आज भी हर आहट पर लगता है कि पृथ्वी आ गया। मगर, अगले पल याद आता है कि बेटा तो बहुत दूर जा चुका है। अब तो बेटे की यादों के सहारे ही जिंदगी
पिता सुरेंद्र सिंह ने कहा कि पृथ्वी को सरप्राइज देने की आदत थी। वो मेरे जन्मदिन पर रात को आता था। मगर, एक साल से हर रात को आंखें दरवाजे की तरफ देखती हैं। शहीद के माता-पिता का कहना है कि बेटे के जाने के बाद कोई उनकी सुध लेने नहीं आया। नेता तो बिल्कुल भूल गए। अब किसी को शहीद के परिवार से कोई मतलब नहीं है। उस समय बड़ी-बड़ी बातें की गई थीं, लेकिन उन्हें कहते हुए दुख हो रहा है कि वादे भी पूरे नहीं हुए।
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