300 शैय्या युक्त जनपद के जिला चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में काफी अर्से से अल्ट्रासाउंड मशीन बंद पड़ी है, डिजिटल एक्सरे मशीन खराब है, जनरल सर्जन , फिजीशियन, न्यूरो सर्जन , कार्डियोलॉजिस्ट जैसे महत्वपूर्ण विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव है। वहीं 125 शैय्या युक्त जिला महिला चिकित्सालय में भी रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में अल्ट्रासाउंड मशीन बंद पड़ी है, जबकि यहां आने वाली प्रत्येक गर्भवती महिला मरीज को गर्भावस्था के दौरान कम से कम 3 बार अल्ट्रासाउंड कराना होता है।
मात्र 2 रेगुलर और एक एनएचएम की महिला डॉक्टर
सुविधा न मिलने के कारण उन्हें बाहर से भारी दामों में अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है, इस महिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक भी पर्याप्त नहीं है। स्त्री रोग विशेषज्ञों का अभाव बना हुआ है, मात्र 2 रेगुलर और एक एनएचएम की महिला डॉक्टर है। यहां संचालित पैथालाजी सेंटर में जांच भी दिन के 2 बजे के बाद बंद हो जाता है, जबकि यहां पर महिला मरीजों का 24 घंटे आना जारी रहता है, जिससे आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बाहर जांच कराना पड़ता है।
अल्ट्रासाउंड की सुविधा किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध नहीं।
जिले में 39 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 17 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। यहां भी 170 चिकित्सकों के सापेक्ष मात्र 110 चिकित्सक तैनात है। अल्ट्रासाउंड की सुविधा किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध नहीं है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला महिला अस्पताल डॉ. कृष्ण दत्त पांडेय ने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव के चलते अल्ट्रासाउण्ड जांच प्रभावित है। डाक्टरों की कमी के बारे में शासन स्तर पर पत्राचार कर अवगत कराया गया है। जो डाक्टर उपलब्ध है, उनसे किसी तरह बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मरीजों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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