गेहूं की बुआई अंतिम चरण में हैं। इस बीच कप्तानगंज विकास क्षेत्र के बढ़नी ग्राम सभा में शाम को नहर टूट गई। इससे ग्राम पंचायत बढ़नी, दुधौरा और तिलकपुर सहित अन्य गांवों के किसान प्रभावित हैं। 500 बीघा खेत बुआई के ठीक बाद जलमग्न हो गए। जिम्मेदारों ने बोरों में मिट्टी डालकर जल बहाव को रोकने का प्रयास किया, लेकिन दिन निकलने से पहले ही बाँध फिर से टूट गया। हालत य़ह है कि नहर की तेज धारा में किसानों की मेहनत और धन बर्बाद हो चुका है।
किसान वीरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि जब से य़ह नहर बनी हुई है, तब से इसके संचालन की हालत बदतर है। धान की फ़सल तैयार होने पर, गेहूं की बुआई होने के आसपास य़ह नहर अक्सर टूट जाती है। इससे जहां धान की कटाई प्रभावित होती हैं, वहीं गेहूं के बीज़ खेत में पड़ते ही डूब जाते हैं। हर साल किसानों को बड़ा नुकसान होता है।
किसान रमेश वर्मा बताते हैं कि नहर तो बन गई, लेकिन नहर से किसानों के खेत तक पानी जाने के लिए कुलावा का निर्माण नहीं किया गया। किसानों को इसका लाभ नहीं मिलता, बल्कि हर फ़सल में इस नहर के होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। किसान राम स्वरूप वर्मा, घनश्याम चौधरी, अनिल चौधरी, श्यामलाल वर्मा, रामभजन चौधरी, भगवानदास, दयाराम चौधरी और राम निहाल चौधरी ने मदद की गुहार लगाई है।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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