कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित गौ संरक्षण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान पाया कि निर्देशों के बावजूद प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 गौशाला संचालित नहीं की जा रही है। इस पर नाराजगी व्यक्त किया। निर्देश दिया कि प्रत्येक ब्लॉक में 7-7 गौ संरक्षण केंद्र संचालित करते हुए छुट्टा पशुओं को इसमें सुरक्षित करें। चारागाह में नैपियर घास की बुवाई करें, ताकि इन पशुओं के लिए चारे की कमी न हो।
जिले में केवल 56 गौशालाए सक्रिय
पूर्व में जिले में 114 गौशालाए संचालित थी, परंतु वर्तमान में केवल 56 गौशालाए सक्रिय हैं। निर्देश दिया कि कम से कम 100 गौशाला संचालित कर छुट्टा पशुओं को संरक्षित किया जाए। गौशालाओं का कलस्टर भी बनाया जाय। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, बीडीओ रामनगर, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी के साथ सीडीओ परसोहिया का सर्वे कर रिपोर्ट दें, ताकि वहां पर बृहद गौशाला खोली जा सके।
हर गौशाला में रखे जाए 25 पशु
नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्र में शाम को 7 बजे के बाद अभियान चलाकर छुट्टा पशुओं को कैटिल कैचर का उपयोग कर पकड़ने, उन्हे निकट के गौशाला में रखने के लिए निर्देशित किया। कहा कि सभी पशु चिकित्सा अधिकारी नियमित रूप से गौशालाओं का भ्रमण कर बीमार पशुओं का इलाज करें। पिछली बरसातों में जिन गौशालाओं में पानी भर गया था, उसे बंद कर नए स्थान पर गौशालाए संचालित करने, बहुत छोटी गौशालाए बंद कर बड़े स्थान पर गौशालाए संचालित की जाय। कहा कि कम से कम 25 पशु रखने पर एक गौ सेवक की तैनाती होगी और उसका मानदेय दिया जाएगा। जिन गौशालाओं में 25 से कम पशु रखे गए हैं, वहां पर पशुओं की संख्या बढ़ाई जाए।
बैठक में ये लोग रहे मौजूद
बैठक में सीडीओ डॉ. राजेश प्रजापति, एडीएम कमलेश चंद्र, पीडी कमलेश सोनी, डीडीओ अजीत श्रीवास्तव, सीवीओ डॉ. अश्वनी तिवारी, एसडीएम शैलेश दुबे, जीके झा, आनंद श्रीनेत, गुलाबचंद, खंड विकास अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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