डीएम प्रियंका निंरजन ने बताया कि सीएफसी गठित होने पर शासन से पांच से 10 करोड़ रुपया प्राप्त हो जाएगा, इसमें 10 प्रतिशत धनराशि सीएफसी को स्वयं लगाना होगा। सीएफसी से यहां के उद्यमियों को मशीन, आर्थिक सहायता तथा अन्य सुविधाएं एक स्थान पर प्राप्त होंगी।
फर्नीचर उद्यमियों को सहारनपुर, बिजनौर भेजकर वहां के फर्नीचर उद्योग का भ्रमण कराया जाएगा। बनारस में बनने वाले लकड़ी के खिलौनों का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। सीएफसी में कम से कम 20 उद्यमी सदस्य होने चाहिए। सिकंदपुर व हैदराबाद मिलाकर लगभग 60 उद्यमी हैं।
डीएम ने कहा कि सीएफसी गठन होने के बाद यहां के फर्नीचर उत्पाद निजी कम्पनियों जैसे अमेजन, फिलिपकार्ट में पंजीकृत कराए जाएंगे, इससे इनकी ऑनलाइन बिक्री संभव हो पाएगी। इससे उद्यमियों को उनके उत्पाद का उचित दाम प्राप्त हो सकेगा। उपायुक्त उद्योग हरेन्द्र प्रताप ने बताया कि अन्य जनपदों में गठित सीएफसी का अभिलेख सिकन्दरपुर के फर्नीचर उद्यमियों को उपलब्ध कराया गया है, ताकि वह इसको देख, समझकर एवं अध्ययन करके अपनी सीएफसी गठित कर सकें।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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