टीबी रोग से उबर चुके , अब दूसरों को देंगे जीतने का हौसला
- महसी के 31 टीबी चैंपियन करेंगे जागरूकता अभियान
-- इम्पैक्ट इंडिया प्रोजेक्ट के तहत वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर संस्था के सहयोग से हुआ प्रशिक्षण
बहराइच,: पूर्ण इलाज कर स्वस्थ जीवन की ओर लौटे टीबी चैम्पियन को अब समाज में जागरूकता फैलाने की अहम जिम्मेदारी दी जा रही है। इसी उद्देश्य से सीएचसी महसी में शुक्रवार को अधीक्षक डॉ उपेन्द्र सरोज की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर संस्था द्वारा इम्पैक्ट इंडिया प्रोजेक्ट के अंतर्गत आयोजित किया गया।कार्यक्रम में 31 टीबी चैंपियनों को प्रशिक्षित किया गया जो अपने समुदाय में टीबी के संभावित मरीजों को चिन्हित करने व इलाजरत मरीजों का सम्पूर्ण इलाज कराने में उनका हौसला बढ़ाएंगे। इस अवसर पर अधीक्षक डॉ उपेन्द्र सरोज कहा कि “टीबी एक संक्रामक रोग है, जो मरीज के खांसने या छींकने से एक दूसरे में फैलती है, लेकिन इसका इलाज संभव हैं। खाँसी, बुखार, वजन कम होना या पसीना आना जैसे शुरुआती लक्षणों पर तुरंत जांच कराना जरूरी है। जितनी जल्दी इलाज शुरू होगा, उतनी जल्दी मरीज स्वस्थ होगा।प्रशिक्षण वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर के विकास सिंह, अखंड द्विवेदी तथा टीबी प्रोग्राम के एसटीएस पियूष कुमार और एसटीएलएस राहुल कनौजिया ने दिया। उन्होंने बताया कि टीबी चैंपियन अब अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करेंगे और अनुभव साझा करेंगे। वे यह भी बताएंगे कि टीबी की दवा सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है तथा निश्चय पोषण योजना के तहत मरीजों को उपचार अवधि में ₹1000 प्रतिमाह मिलता है। समय पर जांच और दवा से टीबी का पूरा इलाज संभव है।इस अवसर पर बीसीपीएम रामअचल यादव ने चैंपियनों को बताया कि वह समुदाय में मरीजों को दवाओं के सामान्य दुष्प्रभावों से घबराने की बजाय चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह दें, ताकि वे इलाज बीच में न छोड़ें।एसटीएलएस राहुल कनौजिया ने बताया कि पल्मोनरी टीबी, जिसे फेफड़ों की टीबी कहा जाता है, का इलाज 168 डोज़ में होता है, जिसकी अवधि लगभग 5 माह 18 दिन होती है। यह रोग खांसी, बलगम, बुखार और सांस की तकलीफ के रूप में सामने आता है। उन्होंने कहा कि उपचार के दौरान औसतन 20 प्रतिशत मरीज दवा अधूरी छोड़ देते हैं, जिसका प्रमुख कारण इलाज पर भरोसे की कमी और दुष्प्रभावों का डर है।इस अवसर पर बाल टीबी से जिला समन्वयक मन मोहन दीक्षित सहित अन्य अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।
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