जल जीवन मिशन (ग्रामीण) में लापरवाही पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सख्ती – अधूरी परियोजनाओं पर परियोजना प्रबंधकों, अभियंताओं और ठेकेदारों को नोटिस, कठोर कार्रवाई की चेतावनी
अधिशासी अभियंता से लेकर एलएंडटी के परियोजना प्रबंधकों के साथ केएलएसआर रेज पावर इन्फा को भी नोटिस
04 सहायक अभियंताओं को चेतावनी , 09 अवर अभियंताओं के खिलाफ परिनिन्दा प्रविष्टि दर्ज
डीएम ने दस दिन में कमियां दूर करने के दिए निर्देश
गोण्डा - जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने जनपद में जल जीवन मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत चल रही 145 परियोजनाओं को "पूर्ण" बताकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर सख्त रुख अपनाया है। स्वतंत्र सत्यापन में परियोजनाएं अधूरी पाए जाने के बाद डीएम ने कार्यदायी एजेंसियों, एलएंडटी के परियोजना प्रबंधकों और जलनिगम के अधिकारियों के विरुद्ध कठोर प्रशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
स्वतंत्र जांच में खुली पोल, डीएम का सख्त रुख
जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर जनपद स्तर की अधिकारियों की टीमों द्वारा जल जीवन मिशन की 145 परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन कराया गया। इन परियोजनाओं को पहले पूर्ण बताया गया था, लेकिन निरीक्षण के दौरान हकीकत निराशाजनक पाई गई। अधिकांश स्थानों पर पाइपलाइन बिछाने, बाउंड्रीवाल निर्माण, FHTC (फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन), ऑटोमेशन, सड़क पुनर्स्थापना, सोलर पैनल और जलाशयों में लाइटिंग कंडक्टर जैसे महत्वपूर्ण कार्य अधूरे पाए गए।
अधिशासी अभियंता को 3 दिन में जवाब देने का निर्देश
उत्तर प्रदेश जलनिगम (ग्रामीण) के अधिशासी अभियंता धर्मेंद्र कुमार को जिलाधिकारी ने तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया है। डीएम ने स्पष्ट किया है कि कार्यों की स्थिति अत्यंत खेदजनक है और यह अस्वीकार्य है कि अधूरी परियोजनाओं को पूर्ण बताकर रिपोर्ट भेजी गई। उन्होंने यह भी पूछा है कि ऐसी भ्रामक रिपोर्ट किस स्तर पर सत्यापित की गई थी।
एलएंडटी के परियोजना प्रबंधकों को चेतावनी और कारण बताओ नोटिस
जल जीवन मिशन की 145 में से 141 परियोजनाएं एलएंडटी (लार्सन एंड टुब्रो प्रा. लि.) द्वारा निष्पादित की गई हैं। इन परियोजनाओं को भी पूर्ण दर्शाया गया था।
मनोज कुमार, परियोजना प्रबंधक, एलएंडटी को 24 घंटे में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं सुनील कुमार, दूसरे परियोजना प्रबंधक को भी कड़ा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
डीएम ने स्पष्ट किया कि बिना ग्राउंड वेरिफिकेशन और ग्रामवासियों से निर्बाध जल आपूर्ति की पुष्टि के कोई भी परियोजना पूर्ण घोषित नहीं मानी जाएगी। उन्होंने एलएंडटी को निर्देश दिया है कि वे सभी 141 परियोजनाओं का स्वयं पुनःसत्यापन कराएं और एक सप्ताह के भीतर सभी कमियों को दूर करते हुए अनुपालन आख्या प्रस्तुत करें।
केएलएसआर रेज पावर इन्फा (JV) को भी नोटिस, कार्रवाई की चेतावनी
जिलाधिकारी ने ठेकेदार फर्म मेसर्स केएलएसआर रेज पावर इन्फा प्रा. लि. (JV) को भी 24 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
इनके द्वारा निष्पादित चार परियोजनाएं – लालेमऊ (करनैलगंज), विशुनपुर संगम (इटियाथोक), बरदीहा (इटियाथोक), और माधवनगर (रूपईडीह) – की स्थिति निराशाजनक पाई गईं हैं। सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार नलकूप स्थापना, पाइपलाइन बिछाना, कैम्पस डेवेलपमेंट, एफएचटीसी, सड़क पुनःस्थापना, और ऑटोमेशन जैसे कार्य या तो प्रारंभ ही नहीं हुए या अधूरे हैं। डीएम ने यह चेतावनी दी है कि यदि पुनःसत्यापन में भी कार्य अधूरे पाए गए या स्पष्टीकरण समय पर नहीं मिला, तो कंपनी के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
डीएम की दो टूक चेतावनी – तय होगी व्यक्तिगत जवाबदेही*
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सभी कार्यदायी संस्थाओं और संबंधित अभियंताओं को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि 10 दिनों के भीतर कमियां दूर की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण नहीं होता या जलापूर्ति नहीं होती, तो न केवल संस्थाओं बल्कि अधिशासी अभियंता एवं अधीनस्थ अभियंताओं की व्यक्तिगत जवाबदेही तय की जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चार सहायक अभियंताओं को चेतावनी
स्वतंत्र सत्यापन में कई विकासखंडों की परियोजनाओं के अधूरे पाए जाने पर चार सहायक अभियंताओं को व्यक्तिगत रूप से चेतावनी पत्र जारी कर 10 दिनों की अंतिम मोहलत दी गई है। डीएम ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कार्य समयसीमा में पूर्ण नहीं होते, तो दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की संस्तुति की जाएगी।
सहायक अभियंता शुभम मिश्रा को कड़ी चेतावनी
करनैलगंज, कटरा बाजार एवं हलधरमऊ विकासखंडों में अधूरी परियोजनाओं को पूर्ण दर्शाने के आरोप में जलनिगम (ग्रामीण) के सहायक अभियंता शुभम मिश्रा को जिलाधिकारी ने कड़ा चेतावनी पत्र जारी किया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि मिश्रा 10 दिनों के भीतर सभी अधूरी परियोजनाओं की कमियों को दूर कराकर अधिशासी अभियंता के माध्यम से अनुपालन आख्या प्रस्तुत करें।
68 अधूरी परियोजनाओं पर सहायक अभियंता श्री अतुल कुमार त्यागी को चेतावनी
झंझरी, पड़रीकृपाल, मुजेहना, रूपईडीह, परसपुर और तरबगंज विकासखंडों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत 68 परियोजनाएं अधूरी पाई गईं, जबकि इन्हें पूर्व में "पूर्ण" घोषित किया गया था। इस पर जिलाधिकारी ने सहायक अभियंता श्री अतुल कुमार त्यागी को चेतावनी पत्र जारी करते हुए 10 दिवस के भीतर सभी कमियां दूर कर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
सहायक अभियंता श्री नितिन किशोर को चेतावनी पत्र
मनकापुर एवं छपिया विकासखंडों में सहायक अभियंता श्री नितिन किशोर के अधीन कुल 12 पेयजल योजनाएं अधूरी अवस्था में पाई गईं। जिलास्तरीय सत्यापन में यह स्पष्ट हुआ कि अभियंता द्वारा बिना स्थल निरीक्षण के “भ्रामक रिपोर्ट” प्रस्तुत की गई, जिसे जिलाधिकारी ने गंभीर प्रशासनिक लापरवाही मानते हुए चेतावनी पत्र जारी किया। डीएम ने निर्देशित किया है कि श्री नितिन किशोर 10 दिनों के भीतर कार्य पूर्ण कर अनुपालन आख्या अधिशासी अभियंता के माध्यम से प्रस्तुत करें।
सहायक अभियंता सिद्धार्थ शंकर पाण्डेय को चेतावनी पत्र
सहायक अभियंता सिद्धार्थ शंकर पाण्डेय को चेतावनी पत्र जारी किया है। सत्यापन में इटियाथोक, वजीरगंज, नवाबगंज व बेलसर में कुल 46 परियोजनाएं अधूरी पाई गईं।
09 अवर अभियंताओं के खिलाफ परिनिन्दा प्रविष्टि दर्ज
जिलाधिकारी ने 10 अवर अभियंताओं के विरुद्ध मध्यावधि विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि (परिनिन्दा) की कार्रवाई की है। साथ ही उन्हें 10 दिनों के भीतर अधूरी परियोजनाएं पूर्ण कर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। सभी अभियंताओं को आदेशित किया गया है कि वे कार्यों को पूर्ण कर अधिशासी अभियंता के माध्यम से अनुपालन आख्या प्रस्तुत करें। इसके अतिरिक्त संबंधित अधिशासी अभियंताओं को तीन दिवस के भीतर आदेश की तामीली और रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया गया है।
1. हर्षित मिश्रा (अवर अभियंता, करनैलगंज/नवाबगंज): कुल 6 परियोजनाएं अधूरी होने के बावजूद उन्हें पूर्ण घोषित किया गया था। पाइपलाइन, जल कनेक्शन, सोलर पैनल जैसे कार्य अपूर्ण थे। डीएम ने युद्धस्तर पर कार्य पूर्ण कर 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है।
2. अंकुश गुप्ता (इटियाथोक): 17 में से अधिकतर परियोजनाएं अपूर्ण थीं। रिपोर्ट में सोलर पैनल, पाइपलाइन, कनेक्शन आदि कार्य अधूरे पाए गए।
3. सरोज कुमार गुप्ता (हलधरमऊ/मनकापुर): 15 परियोजनाएं अधूरी थीं।
4. मनीष कुमार पांडेय (कटाराबाजार/बभनजोत): 6 योजनाओं में सोलर पैनल, सड़क, पाइपलाइन अधूरी थी। डीएम ने कहा कि यह प्रशासनिक जवाबदेही से बचने का प्रयास है।
5. रियाज अहमद (तरबगंज/छपिया): 18 योजनाएं अधूरी पाई गईं। डीएम ने उन्हें शासन की योजनाओं के साथ "घोर खिलवाड़" करने का दोषी माना।
6. सचिन कुमार वर्मा (परसपुर/बेलसर) : 12 परियोजनाओं में कार्य अपूर्ण थे। जिलाधिकारी ने कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कड़ी चेतावनी दी।
7. विशाल पाठक (रूपईडीह/वजीरगंज): 36 योजनाएं अपूर्ण पाई गईं।
8. अनुज कुमार (झंझरी/पड़रीकृपाल) : 27 योजनाएं अधूरी थीं।
9. रोहन कुमार वर्मा (मुजेहना) : 8 योजनाओं में पाइपलाइन, सोलर पैनल आदि कार्य अधूरे पाए गए। डीएम ने इस आचरण को "गैर-जिम्मेदाराना रवैया" बताया।
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