शिकायतकर्ता अनवर खान के आरोप पर कमिश्नर देवीपाटन ने उप निदेशक को 10 दिन में साक्ष्य सहित रिपोर्ट देने का निर्देश
गोण्डा - जिले के एक मदरसे में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 28 वर्षों से शिक्षक पद पर कार्यरत होने के सनसनीखेज मामले में मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उप निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण को आदेशित किया है कि संबंधित शिक्षक मोहम्मद शहाबुद्दीन के शैक्षिक अभिलेखों की जांच कर साक्ष्य सहित 10 दिवस के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
श्रीनगर बाबागंज क्षेत्र के ग्राम पूरे राजापुर निवासी अनवर खान ने कमिश्नर को एक शिकायती प्रार्थना पत्र सौंपा। प्रार्थना पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम देवरिया अलावल बग्गी रोड स्थित मदरसा दारुल उलूम हबीबुर्रजा में तैनात शिक्षक मोहम्मद शहाबुद्दीन पिछले लगभग 28 वर्षों से फर्जी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट अंकतालिकाओं व प्रमाण-पत्रों के आधार पर शिक्षण कर रहे हैं और इसी के जरिए वे अब तक वेतन अवैध रूप से आहरित कर चुके हैं।
शिकायतकर्ता अनवर खान ने बताया कि वर्ष 2024 में उन्होंने इस संबंध में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को शिकायती पत्र दिया था और शिक्षक के प्रमाण-पत्रों के सत्यापन की मांग की थी। लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी गोंडा व मुख्य विकास अधिकारी को भी पत्र सौंपा, लेकिन आरोप है कि संबंधित शिक्षक की पत्रावली अब तक जिलाधिकारी को नहीं सौंपी गई है। यह मामला मंडलायुक्त देवीपाटन शशि भूषण लाल सुशील तक पहुंचा, तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए उप निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण को शिकायती पत्र में दर्ज आरोपों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का स्पष्ट निर्देश दिया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि यह मामला व्यक्तिगत रूप से देखा जाए और संलग्न तथ्यों की साक्ष्य सहित पुष्टि कर 10 दिनों में रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए।
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