करनैलगंज/गोण्डा - त्याग बलिदान व स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप जी को भारत रत्न दिए जाने के लिए अधिवक्ताओं द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई। दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व, कृतित्व, वीरता,शौर्य, पराक्रम से मुगलिया हुकूमत के बढ़ते प्रभाव को रोका और उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। महाराणा प्रताप के भय से मुगल सम्राट अबकबर को आगरा से लाहौर भागना पड़ा ,जो उनके रहते वहां से वापस लौटने का साहस नहीं जुटा सका । बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रताप बली सिंह की अगुवाई में तहसील के अधिवक्ता, धर्मेन्द्र मिश्रा, पवन शुक्ला महामंत्री, करमचंद मिश्रा, शिव शंकर मिश्रा, कुन्दन अवस्थी, संसार मणि शुक्ला, अवधराज शुक्ला सहित अन्य कई अधिवक्ताओं ने महाराणा प्रताप की जन्म जयंती पर 9 मई को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने के साथ ही उन्हें भारत रत्न दिए जाने की मांग की है।
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