करनैलगंज/गोण्डा - रविवार को इन्दिरा गाँधी कम्प्यूटर साक्षरता मिशन पर सरस्वती साहित्य समिति के तत्वावधान में होली मिलन समारोह एवं काव्य- गोष्ठी का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता अवधेश सिंह अध्यक्ष अनुभूति साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक ट्रस्ट ने की। कार्यक्रम का संचालन रामकुमार मिश्र' कुमार ने किया। वाणी वंदना हजारीलाल 'लाल' ने किया। कार्यक्रम में कवियों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की।
अवधराज वर्मा' करुण' ने कहा
होली धर्म के क्षेत्र गई तो दुर्गुण सारे जला गई होली। होली गंवई- गाँव गई तो कीचड़- रंग नहा गई होली। संतराम सिंह संत ने कहा
आया मस्त महीना फागुन बाग आम बौराये। पी- पी की रट लगा पपीहा मन को खूब लुभाये।
गणेश प्रसाद तिवारी' नेश' जी ने पढ़ा,
होली के शुभ पर्व पर, चहुँदिशि उड़े ग़ुलाल।
राष्ट्र रंग सब में बसै, दुनिया हो खुश हाल।
प्रेमचंद ' मूडी' ने पढ़ा----
साल में इक बार होली आती मिलकर खूब मनाते होली। रंग लगाना रंग मिटाना सब ये समझे होली आयी।
विजयकुमार सिंह ने पढ़ा----
होली मा लाल गुलाल उड़े, हिन्दू- मुस्लिम सब गले मिले।
ज्ञानी सब हमें बताय दिहिन, बुढ़ऊ- बूढ़ा कय गाल मले।
हजारीलाल' निषाद' ने पढ़ा---
प्रेम रंग बरसे आज यहि ठइयां।
यहि रंग मा सब भीग रहे हैं,
आये जो यहाँ बहना- भैया।
रामकुमार मिश्र ' कुमार' ने पढ़ा---
जा रंग ते धरती या रंगी अकास, रंगा रचना यह सारी।
शेष रंगे- औ गनेस रंगे, महेशहु पे जिनका रंग भारी।
ते बरसाना की होरी मा रंगिगे, राधा की ऐसी चली पिचकारी।
कार्यक्रम में श्रोता के रूप में श्याम सुन्दर सोनी कैशियर(उ o प्र o परिवहन) ' अमनकुमार, हरिकिशन, देवानन्द, रवि, राकेश, अमृतांशु, अप्रतिम, पंकज, धर्मवीर, भोलाराम आदि उपस्थित रहे।
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