लोग इस दिशा सकारात्मक सोच के साथ आगे आएं तो अनेकों जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। लखनऊ के लारी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान 14 जनवरी की रात उन्होंने अंतिम सांस ली थी। उनका पार्थिव शरीर आवास पर लाया गया। दूसरे दिन रविवार को बीआरडी मेडिकल कालेज की टीम ने उनके घर पहुंचकर पार्थिव शरीर अपने सुपुर्दगी में लिया। बताया कि सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनकी देह को मेडिकल कालेज की टीम को सौंपा गया।
वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। उनके तीन बेटे, एक बेटी हैं। सभी व्यापारी हैं। व्यापारी नेता आनंद राजपाल इनमें सबसे बड़े हैं। मरणोपरान्त पार्थिव शरीर जैसे ही उनके आवास खीरीघाट पहुंचा। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। जिसने सुना कि वंशीलाल राजपाल अपना देह दान कर गये हैं, उसका सिर सम्मान और गर्व से झुक गया। लोगों ने कहा आज आधुनिकता की दौड़ में जहां परिजन अंगदान करने का साहस नहीं जुटा पाते, वहां वंशीलाल राजपाल का देहदान करना सम्पूर्ण समाज के लिए अत्यन्त प्रेरणादायक है।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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