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Jan 16, 2023

कुलदीप सिंह सेंगर जल्द होंगे तिहाड़ जेल से बाहर, दिल्ली हाईकोर्ट ने दी अंतरिम जमानत।

 दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्नाव दुष्कर्म मामले सजायाफ्ता भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 14 दिन की अंतरिम जमानत दी है। कुलदीप ने अपने अधिवक्ता के जरिए अपनी बेटी की शादी होने के लिए जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। फिलहाल उम्र कैद की सजा काट रहे कुलदीप 27 जनवरी से लेकर 10 फरवरी तक के लिए जमानत पर बाहर रहेगा। कुलदीप सेंगर अगस्त 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। वो लगभग चालीस माह के बाद खुली हवा में सांस ले पायेंगे

उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया था। उसी साल जुलाई में पीड़ित की कार की ट्रक से भिड़ंत हो गई थी। हादसे में पीड़ित की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। तब से सेंगर तिहाड़ जेल में बंद है। न्यायालय ने इस मामले में सह-आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया था।

सीबीआई के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया, सेंगर उन्नाव में नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। वहीं सेंगर के वकील कन्हैया सिंघल ने कोर्ट में कहा, सेंगर की बेटी के विवाह का कार्यक्रम 10 जनवरी से शुरू हो जाएगा बेटी का विवाह 8 फरवरी को है। कुलदीप सेंगर की बेटी की शादी गोरखपुर में हो रही है। इसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनको बाहर आना है।

ज्ञात हो कि साल 2017 में कुलदीप सेंगर पर माखी कांड की पीड़िता ने अपहरण और बलात्कार का आरोप लगाया था। जिस समय ये घटना हुई थी उस समय पीड़िता नाबालिग थी। 8 मई 2019 को कुलदीप सेंगर को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल स्थानांतरित किया गया था। 5 अगस्त 2019 को कुलदीप सेंगर को सीतापुर जेल से तिहाड़ जेल भेजा गया है। तब से वो तिहाड़ जेल में ही बंद है।

बलात्कार का मामला सामने आने के बाद सेंगर को भारतीय जनता पार्टी से साल 2019 में निष्कासित कर दिया गया था। बलात्कार कांड में 20 दिसंबर 2019 को सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में सेंगर, उसके भाई और पांच अन्य आरोपियों को 4 मार्च 2020 को 10 साल की सजा सुनाई गई थी। कुलदीप सेंगर घटना के समय उन्नाव की बांगरमऊ विधानसभा सीट से विधायक था।

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