ज्ञापन में जिलों में अधिवक्ताओं के चैम्बर का निर्माण कराए जाने, 10 लाख रूपए तक का मुफ्त चिकित्सा बीमा या आयुष्मान की सुविधा का लाभ देने, अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति लखनऊ में मृतक अधिवक्ताओं के लम्बित दावों का यथाशीघ्र भुगतान कराने, अधिवक्ता और पत्रकार की मृत्यु पर एक समान धनराशि दिए जाने, 60 वर्ष से अधिक आयु के करीब 40 हजार अधिवक्ताओं के लिए पेंशन योजना, एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की गई है।
कार्रवाई न होने पर आंदोलन।
ज्ञापन में कहा गया है कि बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष द्वारा 16 अगस्त को दिए गए ज्ञापन के प्रकरण पर शासन द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने और प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिए जाने से अधिवक्ता मर्माहत हैं और आन्दोलन करने को बाध्य हैं। ज्ञापन/ अनुस्मारक के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांगों को पूरा किए जाने के लिए आवश्यक प्रभावी कदम उठाए जाने की मांग की गई है। धरना और ज्ञापन सौपने वालों में सिविल बार, जनपद बार, यंग बार, कमिश्नर्स कोर्ट बार से जुडे अधिवक्ता रजनीश दूबे, रमेश चन्द्र पाण्डेय, विनोद भट्ट, अजय प्रताप सिंह, शिव पूजन मिश्रा, अजय त्रिपाठी, राज मंगल मिश्र, रवि शंकर शुक्ल, राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल, पारसनाथ तिवारी, राघव शरण पाण्डेय, जवाहर लाल मिश्र आदि शामिल रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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