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Sep 21, 2022

नगर पालिका सीमा विस्तार को लेकर हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार


करनैलगंज/गोण्डा - करनैलगंज नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार को लेकर चल रहा घमासान का अब मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है, और अब सबकी निगाहें कोर्ट की अगली सुनवाई व फैसले पर टिकी हुई हैं। लखनऊ हाईकोर्ट ने नगर पालिका परिषद करनैलगंज, गोंडा के सीमा विस्तार पर सरकार से जवाब मांगा है। मामले में नगर पालिका परिषद करनैलगंज की अध्यक्ष रजिया ख़ातून पत्नी शमीम अच्छन द्वारा लखनऊ हाईकोर्ट में एक रिट याचिका के माध्यम से नगर पालिका करनैलगंज के सीमा विस्तार को लेकर चुनौती दी गई है। याची के अधिवक्ता शरद पाठक एवं ऋषभ त्रिपाठी ने हाईकोर्ट में बताया है कि नगर पालिका परिषद करनैलगंज का सीमा विस्तार नगर पालिका अधिनियम, 1916 की धारा 3 व 4 एवं भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 के प्रावधानों को ताख पर रख कर किया जा रहा है। साथ ही साथ धार्मिक आधार पर उन ग्राम सभाओं को जोड़ा जा रहा है जिसमें अल्पसंख्यक आबादी या तो बिल्कुल नहीं है, या नगण्य के बराबर है। याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रस्तावित ग्राम सभा नारायणपुर माँझा आंशिक, पिंपरी आंशिक, सकरौरा ग्रामीण आंशिक, कादीपुर आंशिक, कुम्हारगढ़ी एवं करूवा आंशिक, नगर पालिका करनैलगंज के मौजूदा क्षेत्र से बहुत दूर हैं,ऐसी स्थिति में इन ग्रामीण इलाक़ों को नगर क्षेत्र में जोड़ना विभिन्न सरकारी आदेशों का उल्लंघन है एवं संविधान की मंशा के ख़िलाफ़ है। याचिका में सीमा विस्तार हेतु भाजपाा नगर मंंडल अध्यक्ष संजय यज्ञसैनी तथा पूर्व विधायक अजय प्रताप सिंह उर्फ़ लल्ला भैया के पत्रों का भी हवाला दिया गया है,जिसका संज्ञान लेते हुए तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट ने अन्य सरकारी अधिकारियों से 5.12.2020 को आख्या माँगी थी। जिसपर नगर पालिका परिषद करनैलगंज ने 30 दिसंबर 2020 को प्रस्ताव पास करके प्रस्तावित सीमा विस्तार का विरोध दर्ज कराया था। याची का आरोप है कि भाजपा नेताओं के दबाव के चलते शासन ने 26.7.2022 को नोटिफ़िकेशन के माध्यम से जनमानस से आपत्तियाँ माँगी तो नगर पालिका परिषद, करनैलगंज समेत कई प्रस्तावित ग्राम सभाओं ने सीमा विस्तार के ख़िलाफ़ आपत्तियाँ शासन को भेजी थी। इसी बीच उपजिलाधिकारी करनैलगंज द्वारा 11.8.2022 को नया प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया। याचिका के अधिवक्ताओं की दलील है कि प्रस्तावित ग्राम सभायें यदि करनैलगंज शहरी क्षेत्र में जोड़ी जाती हैं तो उनपर बहुत भार पड़ेगा, और ग़रीब किसान परेशान होगें।  फिलहाल सीमा विस्तार का यह मामला हाईकोर्ट की चौखट तक पहुंच चुका है, हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुये सरकार से जवाब मांगा है। अब सबकी निगाहें आगामी शुक्रवार को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हुई हैं । 

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