Sep 1, 2022

प्राइमरी में हिन्दी पढ़ा, जूनियर में आए तो अंग्रेजी माध्यम हो गया

बस्ती। बेसिक शिक्षा विभाग में हिन्दी मीडियम में कक्षा पांच तक की पढ़ाई करने के बाद उच्च प्राइमरी में आकर वही छात्र अंग्रेजी माध्यम वाला बन जाता है। यहां पर उसे शुरूआती कुछ महीनों में अंग्रेजी की किताबों को पढ़ने में खासी परेशानी होती है। यह परेशानी तब और बढ़ जाती है, जब सत्र शुरू होने के पांच माह बीतने के बाद भी किताबों का प्रबंध नहीं हो पाता है। जिले में अभी तक अंग्रेजी माध्यम से संचालित स्कूलों के लिए एक भी किताब नहीं आ सकी है।

जनपद में हिन्दी से अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित हुए स्कूलों की बात करें तो कुल 152 प्राइमरी स्कूल यानी कक्षा एक से छह तक के स्कूल शामिल हैं। जबकि कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई वाले उच्च प्राइमरी स्कूलों की संख्या 17 है। अंग्रेजी माध्यम से संचालित स्कूलों में करीब 17 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। जिनमें उच्च प्राइमरी में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 16 सौ है। जूनियर मीडियम के स्कूलों में कक्षा पांच तक हिन्दी मीडियम से पढ़ने के बाद प्रवेश लेने पर छात्रों को अंग्रेजी में हर विषय के पाठ्यक्रम को समझने में परेशानी आती है। इसके लिए स्कूल स्तर पर ऐसे बच्चों के लिए अलग से कक्षाएं चलाने की व्यवस्था बनाई गई है।     

विक्रमजोत ब्लॉक के एकमात्र अंग्रेजी मीडियम स्कूल कंपोजिट विद्यालय अकला में कुल 89 छात्र छात्राएं नामांकित हैं। बुधवार को 66 छात्र उपस्थित रहे। विद्यालय पर तैनात एक मात्र अध्यापक हरिश्चन्द्र द्विवेदी ने बताया कि हिन्दी मीडियम से प्राइमरी शिक्षा ग्रहण करने के बाद यहां आने वाले छात्रों पर दो माह बहुत मेहनत करनी पड़ती है। तब छात्रों को विषय समझ में आने लगता है। इस सत्र में अभी तक अंग्रेजी मीडियम की किताबें नहीं मिल पाई हैं। जिससे छात्रों को समस्या हो रही है। कुछ छात्रों के पास से जमा पुरानी किताबों से पढ़ाई हो रही है। कक्षा छह के छात्र प्रांजल ने बताया कि अंग्रेजी का अभ्यास कर रहे हैं। लेकिन किताबें न मिलने से पढ़ाई में समस्या हो रही है। छात्र रामपलट ने बताया कि किताबें मिल जाती तो विषय की तैयारी बेहतर होती।    
विकासखंड कुदरहा के मॉडल सुपर अपर प्राइमरी स्कूल मरवटिया के सहायक अध्यापक शिलेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल में कुल 116 छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। इसमें कक्षा 6 के 37 छात्र छात्राओं का एडमिशन हुआ है। अधिकतर बच्चे हिन्दी मीडियम प्राइमरी से पढ़ कर आए हैं। उन्हें अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाना कठिनाई भरा है। अंग्रेजी में कमजोर छात्र छात्राओं को अतिरिक्त समय देकर पढ़ाया जा रहा है। इन छात्र-छात्राओं को प्रार्थना के बाद ही इमला लिखवाया जाता है। जिससे छात्र-छात्राओं पढ़ने लिखने में आसानी हो सके। किताबें न मिल पाने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है।     

       रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट

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