लखनऊ - उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ.सुचिता चतुर्वेदी ने स्कूली ड्रेस में इधर उधर टहलने वाले छात्र छात्राओं के लिए कड़ा आदेश जारी किया है। प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी के नाम जारी आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण का गठन बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम-2005 की धारा-17 (1) के प्राविधानों के अन्तर्गत किया गया है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को बाल संरक्षण एवं अधिकार से सम्बन्धित मामलों का अनुश्रवण करते हुए उचित कार्यवाही करने के लिए अधिकार प्राप्त है। बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम-2005 की धारा-13 (1) (जे) तथा 14 (1) के प्राविधानों के अन्तर्गत इस आयोग को बालकों के अधिकारों का उल्लघन एवं उनकी संरक्षा के अतिक्रमण का स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच कराने का पूर्ण अधिकार है। उपर्युक्त विषयक आयोग के संज्ञान में आया है कि विद्यालय में अध्ययनरत छात्र / छात्रों द्वारा विद्यालय समय में विद्यालय न जाकर अन्य सार्वजनिक स्थानों पार्क, मॉल, रेस्टोरेन्ट आदि में जाकर समय जातीत करते हैं। ऐसी परिस्थितियों में अप्रिय घटना होने की भी सम्भावना बन जाती है जिसको दृष्टिगत रखते हुए आपसे अपेक्षा की जाती है कि अपने जनपद के समस्त सार्वजनिक स्थानों पर विद्यालय समय में छात्र / छात्राओं का विद्यालय यूनिफार्म में प्रवेश प्रतिबन्धित हो। इतना ही नहीं आयोग द्वारा इस विषय में की गई कार्यवाही की प्रगति चाही गई है।
Jul 28, 2022
स्कूली ड्रेस में घूमने वाले छात्र छात्राओं के लिए शासन का कड़ा आदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ.सुचिता चतुर्वेदी ने स्कूली ड्रेस में इधर उधर टहलने वाले छात्र छात्राओं के लिए कड़ा आदेश जारी किया है। प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी के नाम जारी आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण का गठन बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम-2005 की धारा-17 (1) के प्राविधानों के अन्तर्गत किया गया है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को बाल संरक्षण एवं अधिकार से सम्बन्धित मामलों का अनुश्रवण करते हुए उचित कार्यवाही करने के लिए अधिकार प्राप्त है। बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम-2005 की धारा-13 (1) (जे) तथा 14 (1) के प्राविधानों के अन्तर्गत इस आयोग को बालकों के अधिकारों का उल्लघन एवं उनकी संरक्षा के अतिक्रमण का स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच कराने का पूर्ण अधिकार है। उपर्युक्त विषयक आयोग के संज्ञान में आया है कि विद्यालय में अध्ययनरत छात्र / छात्रों द्वारा विद्यालय समय में विद्यालय न जाकर अन्य सार्वजनिक स्थानों पार्क, मॉल, रेस्टोरेन्ट आदि में जाकर समय जातीत करते हैं। ऐसी परिस्थितियों में अप्रिय घटना होने की भी सम्भावना बन जाती है जिसको दृष्टिगत रखते हुए आपसे अपेक्षा की जाती है कि अपने जनपद के समस्त सार्वजनिक स्थानों पर विद्यालय समय में छात्र / छात्राओं का विद्यालय यूनिफार्म में प्रवेश प्रतिबन्धित हो। इतना ही नहीं आयोग द्वारा इस विषय में की गई कार्यवाही की प्रगति चाही गई है।
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