मोहन डायग्नोस्टिक सेंटर की गलत रिपोर्टिंग बच्चे की जान को बनी संकट
मुख्यमंत्री समेत स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से शिकायत पर कार्रवाई की मांग।
कैसरगंज/बहराइच-कैसरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बगल में स्थित मोहन डायग्नोस्टिक सेंटर पर गलत जांच रिपोर्ट देने का मामला चर्चा का विषय बन गया है। अगापुर निवासी हरीराम पुत्र सुखीराम ने सेंटर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि लापरवाही और भ्रामक रिपोर्ट के कारण उनके बच्चे की जान पर संकट आ गया था।मिली जानकारी के अनुसार, 15 सितंबर 2025 को हरीराम के बीमार बच्चे की हालत बिगड़ने पर उन्होंने उसे कैसरगंज स्थित मोहन डायग्नोस्टिक सेंटर पर जांच के लिए भेजा। यहां बच्चे का सीबीसी टेस्ट कराया गया, जिसके लिए सेंटर ने सामान्य से अधिक शुल्क वसूला। जांच रिपोर्ट में बच्चे का प्लेटलेट अत्यंत कम दिखाया गया। रिपोर्ट देखकर चिकित्सक ने तत्काल गंभीर स्थिति मानते हुए उपचार शुरू किया।हालांकि कुछ ही घंटों में बच्चे की तबीयत और बिगड़ने लगी। स्थिति देखकर डॉक्टर को संदेह हुआ और उन्होंने उसी दिन मॉडल पैथोलॉजी जरवल कस्बा से दोबारा सीबीसी जांच कराई। नई रिपोर्ट में बच्चे का प्लेटलेट स्तर सामान्य से और बढ़ा हुआ पाया गया। यह देख डॉक्टर ने तत्काल बच्चे को मेडिकल कॉलेज, लखनऊ रेफर कर दिया, जहां उसका उपचार और जांच के बाद स्थिति सामान्य हो गई।शिकायतकर्ता हरीराम ने बताया कि यदि डॉक्टर ने समय रहते दूसरी जांच न कराई होती तो बच्चे की जान पर गंभीर खतरा हो सकता था। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहन डायग्नोस्टिक सेंटर ने केवल गलत रिपोर्ट जारी की, बल्कि उससे अधिक शुल्क भी वसूला, जिससे मरीजों का भरोसा टूटता जा रहा है।हरीराम पुत्र सुखीराम निवासी अगापुर, थाना जरवल रोड, तहसील कैसरगंज, जनपद बहराइच ने अपने बच्चे का इलाज करवाने के बाद इस संबंध में 17 अक्टूबर 2025 को मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ, स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश शासन, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिवालय लखनऊ, जिलाधिकारी बहराइच तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) बहराइच को डाकघर के माध्यम से शिकायती पत्र भेजा है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज की है।हरीराम ने अपने प्रार्थना पत्र में मांग की है कि उक्त केंद्र की जांच कराई जाए और यदि जांच में दोष सिद्ध होता है तो उसकी मान्यता रद्द करते हुए संबंधित संचालक और तकनीशियन के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह सेंटर बार-बार ऐसी लापरवाही कर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है।इस पूरे प्रकरण पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) बहराइच से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि फिलहाल शिकायती प्रार्थना पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही शिकायत पत्र प्राप्त होगा, जांच कराई जाएगी। यदि जांच में सेंटर दोषी पाया गया तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी सूत्रों की माने तो मोहन डायग्नोस्टिक सेंटर की रिपोर्टों पर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लोगों का कहना है कि इस तरह की जांच रिपोर्टें डॉक्टरों को भी गुमराह करती हैं और मरीजों की जान को संकट में ढकेल देती हैं।

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