उन्होंने कहा कि एनआरएलएम के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूह को बैंको के सहयोग से आर्थिक रूप से मजबूत किया जा रहा है। अपील किया कि वे पैसे में वृद्धि करें, बचत करें, समय पर बैंक को धन की वापसी करें। इससे वे अगले 2 वर्षों में 6 लाख रूपए तक सीसीएल करा सकती हैं। महिला स्वयं सहायता समूह मशरूम, फूल, नर्सरी, कुक्कुट पालन, मुर्गी पालन आदि रोजगार अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकती हैं।
1.50 लाख तत्काल कर सकती हैं प्राप्त
एजीएम एसबीआई मनीष उप्पल ने बताया कि ब्लाक सदर में 44, बहादुरपुर में 37, बनकटी में 12, हर्रैया में 23, विक्रमजोत में 7, गौर में 11, दुबौलिया में 10 , मुण्डेरवा में 9 को मिलाकर कुल 153 स्वयं सहायता समूहों को सीसीएल दिया गया। उपायुक्त एनआरएलएम रामदुलार ने बताया कि सीसीएल होने के बाद वे 1.50 लाख रुपए तक तत्काल खाते से प्राप्त कर सकती हैं।
20 लाख तक हो सकती है सीसीएल।
समय पर बैंक को धन वापसी करने पर अधिकतम 20 लाख रुपए तक उनकी सीसीएल हो सकती है। महिला स्वयं सहायता समूहों को सीसीएल के अलावा ग्राम संगठन से जुड़ने पर 2.50 लाख रुपए और सीआईएल के रूप में 1.10 लाख रूपए तक मिल सकता है। इस अवसर पर एसबीआई के प्रबन्धक श्रीकान्त तिवारी, अवधेश कुमार, लीड बैंक मैनेजर आरएन मौर्या और अन्य उपस्थित रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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