सीएमओ डॉ. आरपी मिश्र का कहना है कि डेंगू की रैपिड डॉयग्नोस्टिक किट से प्राथमिक जांच की सुविधा सभी सीएचसी पर उपलब्ध है। किट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीज की एलॉयजा जांच की जाती है। मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में जांच की सुविधा है। इसमें दो तरह की एनएस-वन व आईजीएम जांच की जाती है।
एक भी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज का डेंगू का इलाज शुरू किया जाता है। मरीज के कांटैक्ट ट्रेसिंग के साथ उसके घर में व बाहर दवा का छिड़काव कराया जाता है। उनका कहना है कि बुखार होने पर न तो झोला छाप को दिखाएं और न ही मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खाएं। अस्पताल में आकर चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
जिला मलेरिया अधिकारी आइए अंसारी का कहना है कि मरीज की जानकारी होने के साथ ही निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है, जिसका परिणाम है कि रोग फैलने नहीं पा रहा है। बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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