गोण्डा - लगता है कि आने वाले 20 वर्षो में समाज के घरों से कुछ रिश्ते हमेशा के लिये खत्म हो जाएंगे,जैसे भाई, भाभी, देवर, देवरानी, जेठ, जेठानी, काका, काकी सहित अनेक रिश्ते हिन्दुओं के घरों से समाप्त हो जाएंगे।
अब बचेंगे तो बस ढाई - तीन लोगों के परिवार बचेंगे, न हिम्मत देने वाला बड़ा भाई होगा, न तेज तर्रार छोटा भाई होगा,न घर मे भाभी होगी, न कोई छोटा देवर होगा, बहु भी अकेली होगी, न उसकी कोई देवरानी होगी न जेठानी। कुल मिलाकर इस एक बच्चा फैशन और सिर्फ मैं मैं की मूर्खता के कारण।
एक समाज में परिवारिक रिश्ते खत्म होते जा रहे हैं, दो भाई वाले परिवार भी अब आखरी स्टेज पर हैं । अब राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न सीता उर्मिला मांडवी जैसे भरे पूरे परिवार असम्भव हो चले हैं । पहले कच्चे घरो में भी बड़े परिवार रह लेते थे अब बड़े बंगलो में भी ढाई तीन लोग रहने का फैशन चल पड़ा है,जो आहत करने वाला है। सोचकर, लोगो को ईमानदारी से इस दिशा में सोचने और मंथन करने की आवश्यकता है। इस चुनौती पूर्ण सदी में हम एक बच्चे को कहा कहा अड़ा पाएंगे और उसमें हिम्मत कौन भरेगा बिना भाइयों के उसके कंधे पर हाथ कौन रखेगा। भारतीय समाज में संबंध ही नहीं बल्कि संस्कृति की बिखरती हुई ये तस्वीर निश्चित ही चिंता का विषय है ।
अब समाज को अपना ट्रेंड बदलना होगा बच्चों की शादी की उम्र भी 20 से 24 तक निश्चित करनी होगी, बच्चों को कामयाब बनाने के चक्कर में 30 से 35 तक खींच रहे हैं इतने में एक पीढ़ी का अंतर हो जाता है।
लेखक - के वी सिंह सामाजिक कार्यकर्ता,सामाजिक चिंतक, "वरिष्ठ पत्रकार" गोण्डा।
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