स्टांप, न्यायालय शुल्क व पंजीयन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रवींद्र जायसवाल तथा राज्यमंत्री खाद्य एवं रसद तथा नागरिक आपूर्ति सतीश चंद्र शर्मा ने जिला अस्पताल में निरीक्षण किया। परसाशुक्ल पकड़ी निवासी रामविलास ने आरोप लगाया कि उसकी पुत्री सप्तमी के आपरेशन के लिए जिला अस्पताल में तैनात एक चिकित्सक ने चार हजार रुपये लिए हैं। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रवींद्र जायसवाल ने उससे पूछा कि नशे में हो क्या?। उसने जवाब दिया कि नशे में भले हूं, लेकिन सही कह रहा हूं। मंत्री ने सीडीओ के नेतृत्व में टीम गठित कर मामले की जांचकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। इसी बीच एक महिला ने बीमार बच्चे का तत्काल सिटी स्कैन कराने का अनुरोध किया।
मंत्रियों ने इमरजेंसी वार्ड, औषधि वितरण कक्ष, लेबर रूम, प्रसूति संकाय कक्ष तथा पीआईसीयू को देखा। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से वार्ता कर सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि अस्पताल में आने वाले मरीजो को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने पाये। सेवाभाव से सभी डाक्टर मरीजो की देखभाल करे। इसके साथ अस्पताल परिसर को भी देखा तथा साफ सफाई व्यवस्था ठीक कराने के निर्देश दिए। इस दौरान विधायक विनय वर्मा, पूर्व मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी, जिलाध्यक्ष गोविंद माधव, सत्यप्रकाश राही, कन्हैया पासवान, सीडीओ जयेंद्र कुमार, एसडीएम प्रदीपयादव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीके अग्रवाल, प्राचार्य डॉ. एके झा आदि मौजूद रहे।
मंत्रियों के निरीक्षण के पहले अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं होने के कारण एक बुजुर्ग को गोद में लेकर एक व्यक्ति अस्पताल के इमेरजेंसी वार्ड में जाता नजर आया। पूछने पर तीमारदार ने बताया कि लोटन क्षेत्र के भिटपरा गांव निवासी मोहम्मद सलीम की हालत नाजुक है। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराने लाए हैं, लेकिन स्ट्रेचर नहीं होने के कारण वाहन से वह स्वयं लेकर अस्पताल में आए।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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