जहाँ एक तरफ सरकार द्वारा नमामि गंगे परियोजना के तहत अरबों रुपये खर्च करके गंगा नदी का अस्तित्व बचाने व प्रदूषण मुक्त रखने का प्रयाश किया जा रहा है, और समय समय पर न्यायालय द्वारा मूर्ति विषर्जन पर रोक लगाने के निर्देश दिये गये हैं , वहीं दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन की उदासीनता व अनदेखी से सरयू नदी में सैकड़ो दुर्गा प्रतिमाओं का विषर्जन करके नदी को प्रदूषित कर उसके अस्तित्व को समाप्त करने का कार्य कई वर्षों से बेरोकटोक अनवरत जारी है।
नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) ने दिए थे उन 11 राज्यों को निर्देश, जिससे होकर गंगा बहती है निर्देश के अनुसार गंगा और उसकी सहायक नदियों के घाटो पर भी मूर्ति विसर्जन नहीं होगा
बताते चलें कि पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ों से निकलने वाली पतितपावनी व जीवनदायनी सरयू नदी जिसके महत्व की व्याख्या करके मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने भी इसकी प्राचीन प्रमाणिकता सिद्ध की "जन्मभूमि मम पूरी सुहावन, उत्तर दिशि बह सरयू पावन"। लेकिन तमाम जीव जन्तुओं को पोषित मानव जीवन को सजाने सवारने वाली सरयू का जीवन आज संकट में है। लोगो द्वारा आये दिन प्लास्टिक से बने उत्पादों ,पूजा पाठ के बाद हवन आदि सामग्रियों व नवरात्रि में दुर्गा प्रतिमाओं का विषर्जन कर नदी को पाटकर उसका स्वरूप खराब किया जा रहा है।
पर्यावरण सुरक्षा कानून 1986 के एक्ट 5 के तहत दिया गया था निर्देश, मूर्ति विसर्जन करने पर 50 हजार का देना पड़ेगा जुर्माना
वहीं इसके खतरनाक परिणामों को भाँपते हुए सामाजिक सगठनों द्वारा सरयू की स्वच्छता का वीणा उठा लिया है और सरयू की सफाई का जनांदोलन छेड़कर आमजनमानस को जागरूक किया जा रहा। आजाद युवा फॉउंडेसन के संस्थापक हर्षित सिंह के आवाहन पर क्षेत्र के कई सामाजिक सगठनों द्वारा विगत कई महीनों माह के प्रत्येक रविवार को सरयू नदी की जा रही साफ सफाई की मुहिम आज रविवार को शरद पूर्णिमा पर जारी रही, जिसमें आजाद युवा विकास फॉउंडेसन के हर्षित सिंह, अखण्ड प्रताप सिंह, धीरेंद्र अवस्थी,डॉ आशीष, आकाश सिंह, क्षेमेश्वर पाठक, अजय वर्मा, टर्टल सर्वायकल एलाइंस की अरुणिमा सिंह व श्रीपर्णा दत्ता, युवा यूथ विग्रेड से वैभव सिंह व प्रदीप यादव, नेचर क्लब फॉउंडेसन से बालमुकुंद, मयंक तथा अवध केसरी सेना से मोनू सिंह सहित अन्य कई कार्यकर्ताओ द्वारा सरयू से कुन्तलों की मात्रा में प्लास्टिक उत्पादों सड़ी गली लकड़ियों व विषर्जित दुर्गा मूर्तियों को निकालकर साफ सफाई कर जन जागृति का संदेश दिया गया।
अभी विगत वर्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सरयू और मनवर नदियों के संरक्षण हेतु सुन्दरीकरण की पहल की गई थी, लेकिन कतिपय कारणों से उसे साकार रूप नही मिला और बात आई और गई हो गई। लोगो का मानना है कि यदि समय रहते शासन प्रशासन द्वारा नदियों की अविरलता व सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया, तो सरस्वती की भाँति सरयू नदी भी एक दिन विलुप्त हो जायेगी और वह दिन दूर नहीं जब मानव जीवन को बचाने के लिये आने वाली पीढ़ी के समक्ष बड़ा जल संकट खड़ा हो जायेगा।
2 comments:
अति उत्तम कार्य
👍👍👍👍
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