आजीवन करनैलगंज बस स्टॉप पर रहकर तमाम लोगो को भोजन कराने वाले जयनारायन मौर्य का लम्बी बीमारी के बाद असामयिक निधन हो गया, इनके सुपुत्र पंकज मौर्य के अनुसार उनके फेफड़े में कैंसर की बीमारी हो गयी थी, काफी उपचार के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।कहते हैं आदमी की सूरत नहीं बल्कि उसकी कीरत का गुणगान होता है, कुछ इसी तरह जीवन वृत जयनारायन मौर्य का भी रहा, वह अपनी सेवाभाव व सहज सहयोगी कार्यशैली के लिये के लिये प्रसिद्ध थे। करीब 70 वर्षीय जयनारायन मौर्य को लोग बड़े आदर के साथ जयनारायन काका कहकर पुकारते थे, एक जमाना था, जब लोगो के पास न तो संचार साधन था, और न ही सुगम यात्रा के लिये साइकिल व बाइक थी, तब लोग लखनऊ या कहीं अन्य जगहों से देर रात्रि में घर वापस पँहुँचने के लिये जयनारायन काका की मदद लेते थे, या तो वे वहीं भोजन करते और उन्ही के यहाँ रुकते थे, या उनकी साइकिल और टार्च लेकर घर जाते थे, इतना ही नहीं करनैलगंज क्षेत्र के किसी व्यक्ति का रिस्तेदार यदि बस्ती, गोरखपुर, फैज़ाबाद आदि जनपदों से आता था ,तो सबसे पहले जयनारायन काका के ही दुकान पर पहुंचता था, काका पहले चाय नाश्ता कराकर उसकी आवभगत करते और रिक्शा वगैरह तय कराकर उसे गाँव तक भेजने का पुण्य कार्य करते थे। करनैलगंज क्षेत्र कोई विरला व्यक्ति ही होगा जो जयनारायन काका का ऋणी न हो। उनका अंतिम संस्कार कटराघाट स्थित सरयू तट पर किया गया,जिसमें क्षेत्र के तमाम नामचीन हस्तियों ने पहुंचकर अपनी श्रधांजलि अर्पित की। क्षेत्र के मान बहादुर सिंह, सपा नेता किशनु सिंह, भाजपा नेता अशोक सिंह,विष्णुपाल सिंह, डॉ बी पी सिंह, दिलीप सिंह, पवन ओझा, अशर्फीलाल पण्डित जी, सन्तोष मौर्य, राकेश मुनीम, अजय लाला, संजय सिंह, यशपाल मौर्य, शत्रोहन मौर्य, राजपाल मौर्य, इब्राहीम, सन्दीप मिश्रा सहित अन्य तमाम लोगो ने जयनारायन काका के निधन पर सम्वेदना व्यक्त करते हुऐ श्रधांजलि अर्पित की।
आजीवन करनैलगंज बस स्टॉप पर रहकर तमाम लोगो को भोजन कराने वाले जयनारायन मौर्य का लम्बी बीमारी के बाद असामयिक निधन हो गया, इनके सुपुत्र पंकज मौर्य के अनुसार उनके फेफड़े में कैंसर की बीमारी हो गयी थी, काफी उपचार के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।कहते हैं आदमी की सूरत नहीं बल्कि उसकी कीरत का गुणगान होता है, कुछ इसी तरह जीवन वृत जयनारायन मौर्य का भी रहा, वह अपनी सेवाभाव व सहज सहयोगी कार्यशैली के लिये के लिये प्रसिद्ध थे। करीब 70 वर्षीय जयनारायन मौर्य को लोग बड़े आदर के साथ जयनारायन काका कहकर पुकारते थे, एक जमाना था, जब लोगो के पास न तो संचार साधन था, और न ही सुगम यात्रा के लिये साइकिल व बाइक थी, तब लोग लखनऊ या कहीं अन्य जगहों से देर रात्रि में घर वापस पँहुँचने के लिये जयनारायन काका की मदद लेते थे, या तो वे वहीं भोजन करते और उन्ही के यहाँ रुकते थे, या उनकी साइकिल और टार्च लेकर घर जाते थे, इतना ही नहीं करनैलगंज क्षेत्र के किसी व्यक्ति का रिस्तेदार यदि बस्ती, गोरखपुर, फैज़ाबाद आदि जनपदों से आता था ,तो सबसे पहले जयनारायन काका के ही दुकान पर पहुंचता था, काका पहले चाय नाश्ता कराकर उसकी आवभगत करते और रिक्शा वगैरह तय कराकर उसे गाँव तक भेजने का पुण्य कार्य करते थे। करनैलगंज क्षेत्र कोई विरला व्यक्ति ही होगा जो जयनारायन काका का ऋणी न हो। उनका अंतिम संस्कार कटराघाट स्थित सरयू तट पर किया गया,जिसमें क्षेत्र के तमाम नामचीन हस्तियों ने पहुंचकर अपनी श्रधांजलि अर्पित की। क्षेत्र के मान बहादुर सिंह, सपा नेता किशनु सिंह, भाजपा नेता अशोक सिंह,विष्णुपाल सिंह, डॉ बी पी सिंह, दिलीप सिंह, पवन ओझा, अशर्फीलाल पण्डित जी, सन्तोष मौर्य, राकेश मुनीम, अजय लाला, संजय सिंह, यशपाल मौर्य, शत्रोहन मौर्य, राजपाल मौर्य, इब्राहीम, सन्दीप मिश्रा सहित अन्य तमाम लोगो ने जयनारायन काका के निधन पर सम्वेदना व्यक्त करते हुऐ श्रधांजलि अर्पित की।
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