Jun 21, 2025

वर्तमान जीवन शैली में रोगमुक्त काया के लिए योग अनिवार्य

 वर्तमान जीवन शैली में रोगमुक्त काया के लिए योग अनिवार्य 

फखरपुर, बहराइच। योग का हम सब के जीवन में बड़ा ही महत्त्व है। वर्ष 2015 से पूरे विश्व में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। बीईओ राकेश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा क्षेत्र फखरपुर के सभी विद्यालयों में शनिवार को योग दिवस मनाया गया। संविलयन विद्यालय कोदही के शिक्षक रवींद्र कुमार मिश्र ने बताया कि योग के माध्यम से हम लोग रोगमुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। रोगमुक्त व स्वस्थ शरीर के लिए नियमित योग करना अतिआवश्यक है। योग का शाब्दिक अर्थ है जुड़ना या जोड़ना। शरीर, मन और सांस का आपस में जुड़कर अर्थात एकाग्रचित होकर भावना, बुद्धि, व्यवहार और शरीर की संतुलित अवस्था ही योग है। नियमित योग के बिना इनका आपस में जुड़ाव संभव नहीं हो पाता है। जिसके कारण शरीर में क्रोध, भय, चिंता, तनाव तथा नकारात्मक सोच पैदा होने लगती है। परिणाम स्वरूप शरीर में विभिन्न तरह की बीमारियां उत्पन्न होने लगती है। प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियो ने नियमित योग और तप के बल पर ही निरोगी काया और आत्मबल अर्जित करते आ रहे हैं। स्कूली पाठ्यक्रम में योग शिक्षा को अनिवार्य कर देना चाहिए। क्योंकि जब शरीर स्वस्थ रहेगा तब मन भी स्वस्थ होगा। ऐसे में छात्र छात्राएं तनाव, चिंता, क्रोध और भय से बचेंगे तथा मन की एकाग्रता से पढ़ाई कर सकेंगे। संविलयन विद्यालय कोठवल कला में हेडमास्टर संतोष कुमार सिंह, सहायक अध्यापक इकबाल अहमद, दीपका गुप्ता, जया सिंह,अनुदेशक राहुल सिंह, शिक्षामित्र रेखा सिंह व रसोईयां तथा संविलयन विद्यालय कोदही में प्रधानाध्यापिका जाकिया अंजुम, सहायक अध्यापक जमील अहमद, महेंद्र प्रताप, राजेश तिवारी, रईस अहमद, अनुदेशक गुड़िया जायसवाल आदि ने योग कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।


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