गोण्डा। जनपद की ग्राम पंचायतों में किए गए विकास कार्यों ने नए मानक स्थापित किए हैं। पंचायती राज विभाग की सक्रिय पहल से गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार, स्वच्छता में सुधार और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत 5.31 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों और लगभग सभी पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण पूर्ण किया गया है। 1490 राजस्व ग्रामों को ‘मॉडल ग्राम’ घोषित किया गया है, जो गोंडा को उत्तर प्रदेश में ग्रामीण विकास के उत्कृष्ट मॉडल के रूप में प्रतिष्ठित कर रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत अभूतपूर्व प्रगति
स्वच्छ भारत मिशन के प्रथम और द्वितीय चरण में 2017 से अब तक जनपद में 5,31,948 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा, 1,189 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण पूर्ण कर उन्हें पूरी तरह से क्रियाशील बना दिया गया है।
स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ाते हुए, मुजेहना विकास खंड की ग्राम पंचायत रुद्रगढ़ नौसी और झंझरी ब्लॉक की ग्राम पंचायत विरवाबभनी में बायोगैस संयंत्रों की स्थापना की गई है, जो अब संचालन में हैं।
ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन में महत्वपूर्ण पहल
जनपद के 1490 राजस्व ग्रामों को ‘मॉडल ग्राम’ घोषित किया गया है, जहां अपशिष्ट प्रबंधन की प्रभावी व्यवस्था लागू की गई है।
देवीपाटन मंडल का पहला प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गोंडा में देवीपाटन मंडल का पहला प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र स्थापित किया गया है, जो अब तक 75 कुंतल प्लास्टिक कचरे का निस्तारण कर चुका है। इस केंद्र पर एकत्र प्लास्टिक को 4R सिद्धांत (Refuse, Reduce, Reuse, Recycle) के आधार पर प्रसंस्कृत किया जाता है। निस्तारित अपशिष्ट का उपयोग अब PWD, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग और जिला पंचायत द्वारा सड़क निर्माण में किया जा रहा है।
"स्वच्छ गांव, समृद्ध गोंडा" : तकनीकी निगरानी अभियान
"स्वच्छ गांव, समृद्ध गोंडा" अभियान के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्वच्छता और विकास कार्यों की डिजिटल निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती अंकिता जैन ने बताया कि इस अभियान के तहत प्रतिदिन सुबह 7:30 से 8:30 बजे तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम स्तरीय स्वच्छता और विकास कार्यों की लाइव समीक्षा की जाती है। इसमें ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और खंड विकास अधिकारी भाग लेते हैं। यह पहल प्रशासनिक जवाबदेही को सुदृढ़ करते हुए योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायक सिद्ध हो रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। ग्रामवासियों द्वारा प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया जा रहा है और गाँव की तस्वीर में सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है।
ग्रामीण विकास के नए आयाम
पंचायती राज विभाग, गोंडा द्वारा ग्राम पंचायतों के समग्र विकास हेतु केन्द्रीय वित्त एवं राज्य वित्त आयोग से वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹366.47 करोड़ की राशि का आवंटन किया गया था, जिसमें से ₹327.23 करोड़ का उपयोग विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं में किया गया है। पंचायत भवनों के निर्माण में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। 1192 ग्राम पंचायतों में से 1060 पंचायतों में सचिवालयों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। साथ ही, 113 अंत्येष्टि स्थलों का निर्माण कर उन्हें आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है।
हर ग्राम पंचायत में लाइब्रेरी और ओपन जिम की योजना
आगामी योजनाओं के तहत जनपद प्रशासन द्वारा हर ग्राम पंचायत में पंचायत पुस्तकालय और ओपन जिम की स्थापना की कार्य योजना तैयार की गई है। इससे ग्रामीण युवाओं को ज्ञानवर्धन और स्वास्थ्य संवर्धन के बेहतर संसाधन स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सकेंगे।
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