जिले के 36 विद्युत उपकेंद्रों में से 32 उपकेंद्र ब्लैक आउट हो चुके हैं। यह संकट विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के चल रहे हड़ताल में ट्रांसमिशन कर्मियों के शामिल होने के बाद बढ़ा है। गांधीनगर, मालवीय रोड, बड़ेबन, पुरानी बस्ती, पॉलिटेक्निक, कैली, कलवारी, नगर बाजार, बहादुरपुर, कप्तानगंज, गौर, दुबौला,भानपुर, ओड़वारा, मुंडेरवा, महसो, बनकटी, कुदरहा, गांउखोर, सल्टौआ, बभनान उपकेंद्र, दुबौलिया सहित 32 उपकेंद्र पूर्ण रूप से बंद हैं।
मुख्य अभियंता कार्यालय पर बिजली कर्मियों की मांगों को लेकर तीसरे दिन शुक्रवार को भी कार्य बहिष्कार कर धरना-प्रदर्शन जारी रहा। बिजली कर्मियों की हड़ताल से जिले की बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। फीडरों से आपूर्ति होने वाली बिजली बाधित होने से शहर के मोहल्लों से लेकर अनेक गांवों में अंधेरा रहा। रात में गई बिजली दूसरे दिन भी साामान्य नहीं हो पाई है। बिजली कर्मियों की हड़ताल के दौरान सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन की ओर से की गई तैयारियां भी बेअसर साबित हो रही है।
डीएम के फरमान के बाद भी सुचारु नहीं
सभी विद्युत उपकेन्द्रों पर जोनल, सहायक नोडल, सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात करने, एसडीएम द्वारा अपने क्षेत्र में अधीनस्थ लेखपाल, कानूनगो, सेक्रेटरी, पंचायत सहायक, रोजगार सहायक की शिफ्टवार डयूटी लगाने, स्वयं नियमित निरीक्षण, पर्यवेक्षण करने के डीएम के फरमान बाद भी विद्युत व्यवस्था सुचारु नहीं हो पाई।
यह लोग प्रदर्शन में रहे शामिल
कृष्ण मोहन यादव, आशुतोष लाहिरी, राम सकल मौर्या, अमित कुमार, अजय पांडेय, दयाशंकर, अष्टभुजा उपाध्याय, मनोज कुमार यादव, प्रिंस कुमार, जितेंद्र मौर्या, ज्ञानू, गब्बर, विक्रम, भानू, बृजकिशोर, राजकुमार यादव, रामवृक्ष यादव, राम बहादुर, अभय सिंह, गजेंद्र श्रीवास्तव व अन्य विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडेय की रिपोर्ट
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